कठपुतली नाटिका सत्याग्रही का प्रभावी मंचन
भारतीय लोक कला मण्डल में गाँधी सप्ताह के समापन अवसर पर कठपुतली नाटिका ‘‘सत्याग्रही का प्रभावी मंचन"
नाटिका में गॉंधी के जीवन अर्थात बचपन से लेकर अफ्रिका यात्रा, जलियॉ वाला बाग हत्या काण्ड, भारत छोड़ो आन्दोलन, आदि घटनाओं का मार्मिक चित्रण
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ लईक हुसैन ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी जी के 150 वें जयन्ति वर्ष एवं स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के आयोजनों अर्थात अमृत महोत्सव की श्रृखला में गाँधी सप्ताह के समापन अवसर पर जिला प्रशासन उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन, शिक्षा, उनके द्वारा आजादी हेतु किये गये संघर्ष, तथा मानव सभ्यता के विकास हेतु किये गए प्रयासों आदि पर आधारित कठपुतली नाटिका ‘‘सत्याग्रही’’ का प्रभावी मंचन हुआ।
उन्होने बताया कि दिनांक 27 सितम्बर 2021 को कार्यक्रम में आये दर्शकों एवं गांधी सेंवा समिति के संयोजक पंकज शर्मा, गोविन्द सिंह राणावत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, सुधीर जोशी आदि पदाधिकारियों ने कठपुतली नाटिका ‘‘सत्याग्रही" के मंचन के बाद आग्रह किया था कि भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा तैयार कि गई उक्त कठपुतली नाटिका के माध्यम से आज कि युवा पीढ़ी को गाँधी जी कि जीवन दर्शन एवं उनके द्वारा आजादी हेतु किये प्रयासों एवं संघर्षों को बताने का सक्षक्त प्रयास किया गया है अतः उक्त नाटिका का पुनः मंचन होना चाहिए ।
अतः उनके अनुरोध पर भारतीय लोक कला मण्डल द्वारा गाँधी सप्ताह के समापन अवसर कठपुतली नाटिका ‘‘सत्याग्रही’’ का मंचन किया गया जिसका लेखन एवं निर्देशन डॉ. लईक हुसैन द्वारा किया गया है। नाटिका में गॉंधी के जीवन अर्थात बचपन से लेकर अफ्रिका यात्रा, वापस भारत आगमन एवं भारत की आज़ादी हेतु किये गए संघर्ष जैसे चम्पारन आन्दोलन, नमक सत्याग्रह, जलियॉ वाला बाग हत्या काण्ड, भारत छोड़ो आन्दोलन आदि घटनाओं का मार्मिक चित्रण किया गया है।