एसबीआई के डीजीएम और कार्मिकों ने भी लेंटाना को उखाड़ा
उदयपुर, 5 सितंबर 2020। लेकसिटी के प्रसिद्ध सज्जनगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की जैव विविधता को बचाने के लिए उदयपुर पुलिस महानिरीक्षक बिनीता ठाकुर द्वारा पिछले डेढ़ माह से चलाए जा रहे ‘मिशन लेंटाना’ को पुलिस, वन विभाग, पर्यावरणप्रेमियों और अन्य संस्थाओं का जोरदार सहयोग मिल रहा है।
आईजी की इस मुहिम से प्रेरित होकर शुक्रवार व शनिवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के उप महाप्रबंधक दिनेश प्रतापसिंह तोमर खुद अपने 15 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ सज्जनगढ़ अभयारण्य पहुंचे और डेढ़ घंटे तक श्रमदान करते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
आईजी बिनीता ठाकुर व एसबीआई डीजीएम तोमर ने अभयारण्य में खुद अपने हाथों से लेंटाना की बड़ी-बड़ी झाडि़यों को उखाड़ा तो बैंक के अन्य अधिकारी-कार्मिक भी प्रोत्साहित होते हुए हाथों-हाथ उनके साथ जुट गए और पूरे उत्साह के साथ श्रमदान किया। इस दौरान लेंटाना की झाडि़यों को जड़ सहित उखाड़ा गया।
आईजी ठाकुर ने बताया कि पर्यावरणप्रेमियों के साथ ग्रीन पीपल सोसायटी, वागड़ नेचर क्लब के बाद अब एसबीआई के अधिकारियों व कार्मिकों द्वारा पर्यावरण की दुश्मन लेंटाना की झाडियों को हटाने के लिए श्रमदान की मुहिम में भागीदारी निभाई जा रही है जो उदयपुर के सरताज सज्जनगढ़ की जैव विविधता को बचाने में बड़ा उपयोगी रहेगी।
इन्होंने किया श्रमदान
आईजी ठाकुर, डीजीएम तोमर के साथ शनिवार को एसबीआई के एजीएम एस एल मारू व अजय झा, एमजी व्यास, एसओ प्रीति मुर्डिया, सुजीत कुमार, डीके वर्मा, राजेश जैन, चंद्रप्रताप, नीरज यादव, सतपाल राररिया, रवि आर्य, रविकांत, मरूधरा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक कमल सक्सेना, महेन्द्रसिंह राणावत, रमेश पूर्बिया, विद्याधर गंगावट, सुरेन्द्रसिंह बालोत, इंद्रशेखर व्यास के साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सांदू व स्वाति शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक चेतना भाटी व हनुमंतसिंह, क्षेत्रीय वन अधिकारी गणेशीलाल गोठवाल, यूनिसेफ से सिंधु बिनुजीत, पक्षी विशेषज्ञ विनय दवे, उज्जवल दाधिच, वागड़ नेचर क्लब से पुष्पा खमेसरा व आकाश उपाध्याय और 40 से अधिक महिला व पुरूष पुलिसकर्मियों ने श्रमदान किया।
चीतल और सांभर के झुण्डों का रहा आकर्षण:
श्रमदान करने पहुंचे बैंक कार्मिकों, पर्यावरणप्रेमियों और पुलिसकार्मिकों को श्रमदान के दौरान ही यहां पर विचरण करते हुए चीतल और सांभर के झुण्डों को खुले वन में देखने का आकर्षण रहा। इन कार्मिकों ने इन चीतल और सांभर के फोटो और विडियो भी क्लिक किया। इस दौरान यहां पर विशेषज्ञों ने तितली व मॉथ की कई प्रजातियों को भी देखा व जानकारी संकलित की।