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'सोशल मीडिया: चुनौतियां और संभावनाएं' पर विचार गोष्ठी आयोजित

MLSU में राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित

 

उदयपुर। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए 'सोशल मीडिया: चुनौतियां और संभावनाएं' विषय पर मंगलवार को एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के कार्यवाहक अधिष्ठाता एवं समाज विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो.एस.के. कटारिया ने कहा कि मीडिया में गलत और सही तथ्यों की भरमार रहती है लेकिन हमें उसे सोच समझ कर आगे फॉरवर्ड करना चाहिए इससे हम फेक न्यूज़ के प्रसार को रोक सकते हैं और पत्रकार धर्म का पालन भी कर सकते हैं। 

उन्होंने सोशल मीडिया के खतरों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यह दोधारी तलवार है जो आपको ज्ञान और सूचनाओं से समृद्ध तो करती है साथ ही अगर सावधानी से इसका इस्तेमाल ना करें तो संकट में भी डाल सकती है। कटारिया ने सोशल मीडिया के जरिए भाषाई गड़बडियों पर चर्चा करते हुए कहा कि मीडिया में शब्दों का प्रयोग और वाक्यों का विन्यास गड़बड़ा गया है, पाठक भी कई बार हैडिंग पढ़ कर भ्रमित हो जाता है। ऐसे में भाषा का चयन व्याकरण सम्मत एवं बोधगम्य होना चाहिए। 

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में चयनित राजसमंद की ऋतु जोशी थी। इस अवसर पर जोशी ने कहा कि मीडिया समाज के लिए पथ प्रदर्शक का काम करता है इसलिए भविष्य के पत्रकारों को ज्यादा सावधानी बरतनी होगी क्योंकि पूरा समाज उनकी ओर आशा भरी नजर से देखता है। 

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए ज्ञानार्जन, अध्ययन एवं देश-दुनिया की जानकारियां सहज़ता से उपलब्ध हो जाती है। इन सारी सूचनाओं का सही उपयुक्त इस्तेमाल भावी पत्रकारों को शिखर पर ले जा सकता है। जोशी ने प्रशासनिक सेवाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को गुरु भी बताएं एवं अपनी सफलता में किये गए प्रयास भी साझा किये।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ रवि शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर अनवरत चलने वाली खबरों को स्वविवेक से फिल्टर भी करना चाहिए ताकि फेक न्यूज़ को प्रसारित होने से रोका जा सके। 

जिला उपभोक्ता न्यायालय के सदस्य न्यायाधीश डॉ भारत भूषण ओझा ने कहा कि सोशल मीडिया सूचनाओं के प्रवाह के साथ देश दुनिया के बदलावों से भी जोड़ता है, इस पर आप अपने उत्पादों की मार्केटिंग भी कर सकते हैं साथ ही अपने विचारों को भी अभिव्यक्त कर सकते हैं। 

वरिष्ठ पत्रकार विपिन गांधी ने कहा कि सोशल मीडिया संभावनाओं से भरा हुआ माध्यम है लेकिन इसके बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए इसका नियमन भी किया जाना चाहिए। एमए (पत्रकारिता) के विद्यार्थी पुलकित उपाध्याय ने सोशल मीडिया के सामाजिक एवं आर्थिक पहलुओं पर चर्चा की। पत्रकारिता के सहायक आचार्य डॉ कुंजन आचार्य ने प्रारंभ में सभी अतिथियों का स्वागत किया।