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झील संवाद के बाद बारी घाट पर श्रमदान

संवाद का आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व गांधी मानव कल्याण समिति के तत्वावधान में हुआ।इस अवसर पर बारी घाट पर स्वच्छता श्रमदान हुआ जिसमें खरपतवार, तैरती खाली बोतलों, प्लास्टिक व अन्य कचरे को हटाया गया। श्रमदान में मानव सिंह, कृणाल कोष्ठी, रामलाल गहलोत, द्रुपद सिंह, पल्लब दत्ता, कुशल रावल, तेज शंकर पालीवाल, नंदकिशोर शर्मा, अनिल मेहता सहित स्थानीय नागरिकों ने सहभागिता की।

 

पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ झील क्षेत्र में कचरे व प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। ऐसे में पर्यटक सीजन में झीलों व आसपास के मोहल्लों में स्वच्छता के विशेष प्रयास होने चाहिए। यह विचार रविवार को आयोजित झील संवाद में व्यक्त किये गए। संवाद का आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व गांधी मानव कल्याण समिति के तत्वावधान में हुआ।

संवाद में डॉ अनिल मेहता ने कहा कि पर्यटकों के वाहनों से झील किनारे के संकरे रास्तों पर भयंकर प्रदूषण हो रहा है। वाहनों के एक्जास्ट में निकले प्रदूषक तत्व इंसांन के शरीर मे तो जाते ही हैं, पानी मे भी विसरित होते है। तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झील क्षेत्र में एक प्रभावी ट्रैफिक नियंत्रण व रेगुलेशन व्यवस्था की जरूरत है। दिन में कई बार ट्रैफिक जाम लगते है औऱ खूब धुंवा, प्रदूषण होता है। यदि ठीक से रेगुलेट किया जाए इस प्रदूषणकारी स्थिति से बचा जा सकता है।

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नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि होटल, गेस्ट हाउस, टेम्पो, टेक्सी चालक सभी यह सुनिश्चित करे कि पर्यटन से किसी प्रकार की गंदगी नही बढ़े। इसके लिए पर्यटकों से निरंतर संवाद जरूरी है। पल्लब दत्ता, द्रुपद सिंह, कुशल रावल ने कहा कि यदि हम नागरिक स्वच्छता का पालन करेंगे तो पर्यटक भी स्वच्छता का ध्यान रखेंगे।

इस अवसर पर बारी घाट पर स्वच्छता श्रमदान हुआ जिसमें खरपतवार, तैरती खाली बोतलों, प्लास्टिक व अन्य कचरे को हटाया गया। श्रमदान में मानव सिंह, कृणाल कोष्ठी, रामलाल गहलोत, द्रुपद सिंह, पल्लब दत्ता, कुशल रावल, तेज शंकर पालीवाल, नंदकिशोर शर्मा, अनिल मेहता सहित स्थानीय नागरिकों ने सहभागिता की।