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राष्ट्रीय युवा दिवस पर महिला उत्पीड़न पर मौन रैली

समाज में महिला व पुरूष की बराबरी की हिस्सेदारी मानी जाए और बहुत शर्मनाक बात है कि महिला को अपने ही हक के लिए लड़ना पड़ रहा है। अपने ही समाज में अपनों के बीच महिला असुरक्षित है। इस रैली का मुख्य कारण 31 दिसम्बर की रात से अब तक के महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के हादसे बढ़ते ही जा रहे है, लगता है उन्हें नये साल के उपलक्ष में महिलाओं को तौहफे में बलात्कार, अपहरण, शोषण, छेड़छाड़ आदि दिया गया है।

 

Protest-Rally

राष्ट्रीय युवा दिवस पर मुठ्ठी संस्थान के तत्वावधान में महिला उत्पीड़न पर मौन रैली निकाली गई जो कि संस्थानलाल निवास से शुरू होकर कोर्ट चौराहा होते कलेक्टरेट ऑफिस पर ज्ञापन देने के साथ ही समाप्त हुई जिसमें अरिहन्त नर्सिंग कॉलेज, विधि महाविद्यालय एवं अन्य महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस रैली में विरोध प्रदर्शन करने का एक अलग ही तरीका अपनाया मुहं पर काली पट्टी और काले वस्त्र पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध में महिलाओं के ऊपर हो रहे उत्पीड़न को समाज में एक काला कलंक बताया।

मुठ्ठी संस्थान की संस्थापक अर्चना शक्तावत एवं सरोज पटेल ने जो कि महिला सशक्तिकरण पर बहुत समय से काम कर रही है, उनका मानना है कि समाज में महिला व पुरूष की बराबरी की हिस्सेदारी मानी जाए और बहुत शर्मनाक बात है कि महिला को अपने ही हक के लिए लड़ना पड़ रहा है। अपने ही समाज में अपनों के बीच महिला असुरक्षित है। इस रैली का मुख्य कारण 31 दिसम्बर की रात से अब तक के महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के हादसे बढ़ते ही जा रहे है, लगता है उन्हें नये साल के उपलक्ष में महिलाओं को तौहफे में बलात्कार, अपहरण, शोषण, छेड़छाड़ आदि दिया गया है।

रैली के अन्त में मुठ्ठी संस्थान द्वारा पत्र माननीय प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के नाम दिया गया। इस पत्र में इस संस्थान द्वारा महिलाओं पर हो रहे अपराधों को रोकने के सुझाव दिये गये।

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