सिन्धी समाज ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का सम्मान किया
उदयपुर। पूज्य जैकबआबाद पंचायत के तत्वावधान में सिन्धी समाज के 75 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का सम्मान कार्यक्रम जवाहर नगर स्थित सिन्धु महल में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के बुजुर्गों का आदर और सम्मान करते हुए उन्हें विशेष सम्मान से नवाजा गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पूज्य जैकबआबाद पंचायत के अध्यक्ष हरीश राजानी और अन्य समाज पदाधिकारियों द्वारा भगवान झूलेलाल सांई की तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इस अवसर पर साधु वासवानी मिशन, पुणे से आई टीम के सदस्यों और प्रसिद्ध गायिका खंजना वासवाड़ा द्वारा प्रस्तुत भक्ति संगीत ने वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना दिया। साथ ही, बुजुर्गों ने पारंपरिक सिन्धी भोजन और भजनों का आनंद लेते हुए कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ उठाया।
पंचायत महासचिव राजेश चुग ने बताया कि इस विशेष कार्यक्रम में 173 वरिष्ठ नागरिकों, जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक है, का शॉल ओढ़ाकर, उपरना और फ़ोटो सहित सम्मान पत्र देकर सम्मान किया गया। इस सम्मान समारोह का उद्देश्य समाज के बुजुर्गों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना और उनके अनुभवों का आदान-प्रदान कर नई पीढ़ी को प्रेरणा देना था।
पूज्य पंचायत के संरक्षक प्रताप राय चुग ने इस अवसर पर कहा, "ऐसे आयोजनों से न केवल हमारे परिवार के बुजुर्गों का सम्मान होता है, बल्कि इससे समाज में संयुक्त परिवार की महत्वता भी उजागर होती है और युवाओं को प्रेरणा मिलती है।"
कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश चांदवानी और भावना मोरियानी ने किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष हरीश सिधवानी, कैलाश डेंबला, राजेश गोकलानी, किशोर सिधवानी, सुरेश चावला, अशोक मंगवानी ने भी इस तरह के आयोजनों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया और कहा कि समाज में इस प्रकार के आयोजन बेहद आवश्यक हैं। इन आयोजनों के माध्यम से परिवार के हर वर्ग को जोड़ने की प्रेरणा मिलती है।
इस सम्मान कार्यक्रम में उदयपुर सिन्धी समाज की सभी पूज्य पंचायतो के प्रमुखजन मुरली राजानी, ओम प्रकाश आहूजा, सुखराम बालचंदानी, किशन वाधवानी, उमेश नारा, भीमनदास तलरेज़ा, गिरीश राजानी, मुकेश खिलवानी, मनोहर गुरानी, प्रकाश चंदानी आदि ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस कार्यक्रम के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वालों में भारत खत्री, कैलाश नेभनानी, कमलेश राजानी, अभिषेक कालरा, सुरेश कपूर, भगवान दास छाबड़ा, कमल पाहुजा, अशोक लिंजारा, श्याम कालरा, जगदीश निचलानी, शांता किशनानी, अर्चना चावला, अमन असनानी, शैलेश कटारिया, जितेन्द्र कालरा (लिबर्टी), विनोद वाधवानी, कपिल नाचानी, और लक्ष्मण जीवनानी का विशेष योगदान रहा।