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संभाग की पहली क्रिस्टल मणि की प्रतिमा प्रतिष्ठित होकर भगवान बनी
 

श्री 1008 शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर
 

उदयपुर 10 नवम्बर 2022 । श्री 1008 शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर सेक्टर 4 मेें गुरुवार को तीन दिवसीय जिन दर्शन से निज दर्शन के तहत आध्यात्मिक सत्य पुरूष श्री कानजी स्वामी के मंगल आशीर्वाद के साथ श्री जिनेंद्र रथ यात्रा (प्रतिष्ठा मंडप से जैन मंदिर) एवं समवशरण और मूल विधि में जिनेंद्र भगवान को विराजमान करने के साथ ही छत्र, भामंडल एवं चमर स्थापना के भव्य महोत्सव के साथ ही तीन दिवसीय आदर्श जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ समापन हुआ। 

गुरुवार को भगवान जिनेंद्र का ऐसा भव्य भक्ति पूर्ण आयोजन हुआ कि धर्म लाभ लेने आए समाज जन भाव विभोर होकर भक्ति भाव में डूब गए। ऐसा प्रतीत हुआ जैसे साक्षात भगवान जितेंद्र समवशरण में स्वयं आशीर्वाद प्रदान करने उपस्थित हुए हैं।

पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव संयोजक डॉ.जिनेंद्र शास्त्री ने बताया कि हस्तिनापुर नगरी, विद्यानिकेतन स्कूल हिरण मगरी सेक्टर 4 उदयपुर में जन्म कल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन विभिन्न मांगलिक आयोजनों के तहत मुख्य रूप से केवल ज्ञान कल्याणक पूजन, निर्वाण महोत्सव एवं निर्वाण कल्याणक पूजन संपन्न हुए। 

डॉ.शास्त्री ने बताया कि दोपहर 1:30 बजे प्रतिष्ठा मंडप से जैन मंदिर तक भव्य जिनेंद्र रथ यात्रा का आयोजन हुआ जिसमें सैकड़ों समाज जनों ने भगवान के रथ के आगे बैंड बाजों की मधुर धुनों के साथ भजनों पर भक्ति नृत्य किये। इस दौरान जिनेंद्र भगवान के जयकारों से रथ यात्रा मार्ग गूंज उठा। रथ यात्रा में दो एरावत हाथियों के साथ इंद्र इंद्राणी एवं सौ धर्म इन्द्र विभिन्न रथो एवं बग्घियों में विराजमान होकर शोभा यात्रा मेरे साथ थे। शोभा यात्रा की समाप्ति के पश्चात समवशरण में मूल वेदी में जिनेंद्र भगवान को विराजमान करवाया गया तथा छत्र, भामंडल एवं चमर स्थापना का भव्य आयोजन हुआ।

शास्त्री ने बताया कि गुरुवार प्रातः 6:30 शांति जाप के साथ शुरू हुए आयोजनों में नित्य नियम पूजन, प्रवचन एवं केवल ज्ञान की विधि, समवशरण रचना एवं केवल ज्ञान कल्याणक पूजन, देशभक्ति पाठ, निर्वाण महोत्सव, निर्वाण कल्याणक पूजन के साथ ही शांति विसर्जन (शांति यज्ञ) के विधि विधान पूर्वक मांगलिक आयोजन हुए। इसके बाद आभार ज्ञापित किया गया। 

शाम 6:30 बजे से रात्रि 8:30 तक हुए विभिन्न आयोजनों में मंदिर जी में श्री जिनेंद्र भगवान की समाज जन के महिला पुरुषों ने भव्य भक्ति करने के साथ ही गुरुदेवश्री की सीडी प्रवचनो का लाभ लिया। 

निर्मल अखावत ने बताया की उदयपुर संभाग की पहली स्फटिक मणि की मूर्ति 11 इंच की जिन प्रतिमा भेंट एवं विराजमान कर्ता (मूल वेदी) के लाभार्थी विधि नायक  श्री शांतिनाथ भगवान के डॉ.जिनेंद्र शास्त्री, लक्ष्मीचंद भोरावत परिवार  शांतिलाल अखावत, प्रकाश, कैलाश, सुरेश, पवन लखावत परिवार ने आदिनाथ भगवान की 18 इंच मूर्ति विराजमान करने का लाभ प्राप्त किया। इसी तरह महावीर भगवान की 18 इंच की प्रतिमा को विराजमान करने का लाभ डॉ महावीर प्रसाद जैन शास्त्री टोकर एवं हितकर जैन शास्त्री सरिया परिवार ने लिया। 

इसी तरह समवशरण में युगमन्धर स्वामी (21 इंच)  जैन प्रतिमा भेंट एवं विराजमान कर्ताओं में रोशन लाल फान्दोत, कुलदीप जैन, नुकुल फान्दोत परिवार, रंगलाल मेहता, भूपेंद्र, जितेंद्र मेहता परिवार, शंकरलाल ताराचंदोत परिवार, निर्मल पंचोली, जयेंद्र कुमार, नयन कुमार पंचोली परिवार अहमदाबाद लाभार्थी रहे। स्फटिक मणि मूर्ति विराजमान हेतु रजत सिहासन भेंटकर्ता मनोहर (मनु) लक्ष्मीचंद भोरावत परिवार थे।  इसके साथ ही कमल द्वय विराजमान कर्ताओं में श्रीमती चेतना ललित कुमार मेघावत, श्रीमती समता महेश कुमार लखदार एवं श्रीमती अनुकंपा यतींद्र भोजावत लाभार्थियों में रहे।

अन्तर्राष्ट्रीय मोटीवेशनल स्पीकर डॉ.एस.पी.भारिल्ल, अंतरराष्ट्रीय विद्वान डॉक्टर संजीव गोधा, अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा आचार्य ब्रम्चारी अभिनंदन शास्त्री ,पं अश्विन शास्त्री, डॉ.विवेक शास्त्री, डॉ.अंकित शास्त्री पं सचिन शास्त्री चैतन्य धाम,पं सुनील शास्त्री, श्रीमती भगवती देवी जैन, डॉ सीमा जैन, रेणु जैन, भूपेन्द्र मेहता, राजनल टीमरवा, अनुकम्पा जैन आदि मौजूद थे