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गीतांजली हॉस्पिटल में पेट की विशालकाय गांठ का हुआ सफल ऑपरेशन
 

 

आज पूरे विश्व में जहाँ कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और वहीं दूसरी तरफ गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं। गीतांजली हॉस्पिटल में कोरोना वायरस के सभी प्रशासनसिक व चिकित्सकीय नयाचारों का पालन करते हुए निरंतर आवश्यकतानुसार जटिल ऑपरेशन किये जा रहे हैं। 

कोरोना महामारी के दौरान गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवम्‌ हॉस्पिटल, उदयपुर के कैंसर सेंटर में रोगी के पेट में उपस्थित विशालकाय गांठ का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन करने से पूर्व ट्यूमर बोर्ड में एक ही छत के नीचे मेडिसिन, सर्जिकल एवं रेडिएशन ऑंकोलॉजी टीम द्वारा सबसे लाभदायक इलाज को निर्धारित किया गया, जिसमे सर्जरी का विकल्प चुना गया। ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाली टीम में ऑन्कोलॉजी सर्जन डॉ. आशीष जाखेटिया, डॉ. अरुण शर्मा, डॉ.शांतनु, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. नवीन पाटीदार, स्टॉफ से अविनाश, राजू, उत्तम व अनिल तथा आईसीयू से डॉ .संजय पलीवालव व टीम में शामिल हैं। 

चित्तौड़ की रहने वाली 15 वर्षीय, रोगी मीना (परिवर्तित नाम) ने बताया कि कुछ समय से उसके पेट में सूजन बढ़ती जा रही थी जिसकी वजह से सांस लेने दिक्कत हो रही थी और काम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। चित्तौड़ में सोनोग्राफी कराने पर वहाँ के स्थानीय डॉक्टर ने गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर जाने को कहा। गीतांजली हॉस्पिटल आने के पश्चात रोगी का सी.टी. स्कैन किया गया। जाँच में रोगी के पेट में विशाल गाँठ की पुष्टि हुई साथ ही साथ रोगी की सीने में सांस की तकलीफ को देखते हुए उसे 2 दिन आईसीयू में भी रखा गया।

डॉ. आशीष ने बताया कि विशालकाय ट्यूमर जोकि अंडाशय (ओवरी) से उत्पन्न हुआ था ने रोगी के पूरे पेट को घेर लिया था और साथ ही डायाफ्राम व फेफड़े भी संकुचित हो गए थे। जल्द से जल्द ट्यूमर को  बाहर निकालना अति आवश्यक हो गया था। ऑपरेशन के दौरान रोगी की लगभग 10 किलो की गांठ को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। ऑपरेशन के 7 दिन बाद रोगी को छुट्टी दे दी गयी। रोगी के समय पर इलाज हो जाने से वह स्वास्थ एवम्‌ खुश है।

ज्ञात करा दें कि गीतांजली हॉस्पिटल, उदयपुर पिछले 13 वर्षों से सतत् रूप से विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं देता आया है और आगे भी देता रहेगा।