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सुप्रकाशमति माताजी की संस्कार यात्रा का बांसवाड़ा की ओर हुआ विहार

दान पात्र से निकली सात लाख से अधिक की राशि
 
गुल्लक दान पात्र खोलते समय सभी सदस्य वहां मौजूद थे।

उदयपुर। राष्ट्र संत गुरु माँ गणिनी आर्यिका 105 श्री सुप्रकाशमति माताजी ससंघ परिवार की संस्कार यात्रा का आज प्रातः साढ़े सात बजे बजे बांसवाड़ा की ओर मंगल विहार हुआ।

सुप्रकाश ज्योति मंच के राष्ट्रीय संरक्षक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि 1 वर्ष ध्यानोदय प्रवास के बाद चातुर्मास का आज समापन हुआ। इस अवसर पर गुरु माँ की आराधना से इच्छापूर्ण माँ ज्वलमालिनी का अतिशय कहो का ’दान पात्र’ खोला जिसमें सात लाख एक हजार रूपये की राशि निकली किसी एक भक्त द्वारा अपनी ईच्छापूर्ण होने पर दान पात्र मे उक्त राशि का गुप्त दान किया गया। 

बलीचा में भव्य जिनालय मे नीचे के तल पर इच्छापूर्ण माँ ’ज्वलमालिनी का भव्य मंदिर’ बनाया हुआ है, जहाँ आये दिन भक्त लोग कोरोना मे खुलने के बाद अपनी मन्नत ले कर आरहे है और अपनी जो भी दुख दर्द समाप्त एवं समृद्धि मिल जाने पर चढ़ावा चढ़ा कर जा रहे है। माँ ज्वलमालिनी का मंदिर ’उत्तर भारत में प्रथम 24 चक्रेश्वरी देवी जिनालय’ मंदिर है। गुल्लक दान पात्र खोलते समय सभी सदस्य वहां मौजूद थे।

ट्रस्टी ओम प्रकाश गोदावत ने बताया की यह मूर्ति ज्वलामालिनी देवी की नरसिंहराजपुरा कर्नाटक की उक्त चमत्कारी प्रति कृति है है। यह हर इंसान की भक्ति से मनोकामना अवश्य पूर्ति होती है।