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ज़िला टीबी फोरम की बैठक संपन्न

ज़िला टीबी मरीजों की दवाइयां शुरू करने से पूर्व की जाने वाली जाँचो में प्रथम स्थान पर

 

जल्द ही हम टीबी मुक्त उदयपुर के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे

ज़िले को क्षय रोग से मुक्त बनाने एवं इस संबंध में ज़िले की प्रगतिशीलता को लेकर आज ज़िला परिषद सभागार में ज़िला कलेक्टर की अध्यक्षता में टीबी फोरम की बैठक संपन्न हुई। बैठक में सीईओ ज़िला परिषद मयंक मनीष, सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी, डीटीओ डॉ अंशुल मट्ठा, टीबी चेस्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ महेंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉ आशुतोष एवं डॉ अक्षय व्यास, आईएमए प्रेसिडेंट डॉ आनंद गुप्ता सहित विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
 

बैठक में ज़िले के अंतर्गत क्षय रोग संबंधित विभिन्न पहलुओं पर किए जा रहे कार्य एवं प्रगति को लेकर चर्चा हुई। बैठक में फोरम की तरफ से टीबी की रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया ताकि 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
 

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने ज़िले की प्रगति के बारे में अवगत कराते हुए बताया की ज़िला टीबी मरीजों की दवाइयां शुरू करने से पूर्व की जाने वाली जाँचो में प्रथम स्थान पर है एवं स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा निरंतर घर घर सर्वे कर संभावित लक्षणों वाले रोगियों को स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर जांच करवाई जा रही है।

राज्य सरकार ने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उनके लिए पूरी टीम तत्परता से कार्य कर रही है इसके लिए निजी अस्पतालों एवं विभिन्न एनजीओ का भी सहयोग लिया जा रहा है। जल्द ही हम टीबी मुक्त उदयपुर के लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे।
 

बैठक में ज़िला क्षय रोग अधिकारी डॉ अंशुल मट्ठा ने जानकारी देते हुए बताया कि एक्टिव रोगियों की खोज हेतु अभी जिले में प्रति एक लाख लोगों पर 854 लोगों की जांच की जा रही है। जिस पर ज़िला कलेक्टर ने जाँचो की संख्या को बढ़ाकर 3000 प्रति एक लाख तक करने हेतु निर्देशित किया। डॉ मट्ठा ने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक पंजीकृत टीबी मरीज को 500 रुपये प्रतिमाह का भुगतान डीबीटी के माध्यम से करना होता है ज़िले में अभी तक 84% मरीजों को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत भुगतान किया चुका है। कलेक्टर ने जल्द ही इसे शत प्रतिशत पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया।
 

कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहां की है फोरम का मूल उद्देश्य है टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता लाना एवं मरीज के इलाज से लेकर उसके पुनर्वास एवं सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना है। उन्होंने कहा कि 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने की दिशा में हमें खंड स्तर पर भी टीबी फॉर्म का गठन करना होगा ताकि समाज में इसके प्रति जागरूकता फैले एवं सही समय पर रोगी की पहचान एवं उपचार से इस रोग को समूल नष्ट किया जा सके