×

बिना गुरू के जीवन की नैया पार नहीं हो सकती प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज

बुधवार को देवेन्द्र धाम से सभी संत विहारकर जैन स्थानक अहिंसा पुरी फतहपुरा पहुंचेगे वहां नौ बजे धर्मसभा को सम्बोधित करेगें

 

सुरेश गुंदेचा ने गुरू के निर्देशन पर 11 बकरों का अभयदान व पर्यावरण शुध्दि के लिए दो सौ एक्कीस पौधे लगाने का संकल्प लिया। 

उदयपुर। बिना गुरू के संसार सागर से जीवन की नया पार नहीं हो सकती। प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज ने आयोजित धर्म सभा को सम्बोधित करते हुयें कहां कि मात पिता के बाद जीवन में निर्माण करता तो वह गुरू है बिना गुरू के जीवन अधूरा है जैसे कुम्हार मिट्टी के पिंड को गढ़कर के आकार बना देता है उसी तरह गुरू अपने ज्ञान रूपी ज्ञान से इंसान को महान बना देता है। 

लोकशाह जैन स्थानक के अध्यक्ष कांतिलाल जैन ने बताया कि मंगलवार को उदयपुर शहर के शोभागपुरा मे संत शिरोमणी सुकनमुनि, उपप्रवर्तक अमृत मुनि, महेश मुनि, तपस्वी मुकेश मुनि, हरिश मुनि, आदि ठाणा 10, साध्वी मनीषा विदुषी पूर्वा के पधारने पर अरिहंत ग्रुप के डायरेक्टर सुरेश गुंदेचा ने गुरू के निर्देशन पर 11 बकरों का अभयदान व पर्यावरण शुध्दि के लिए दो सौ एक्कीस पौधे लगाने का संकल्प लिया। 

कार्यक्रम मे उपस्थित मांगीलाल लुणावत, ओकरसिंह सिरोया, हीरालाल नावेड़िया, चुन्नीलाल जोशी, जितेन्द्र मालू, अशोक जोशी, रोशनलाल डांगी, प्रदीप लुणावत, राजेन्द्र खोखावत, ललित चौधरी, मोहनलाल डांगी, नरेन्द्र देवासी तथा पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया की पुत्रवधू नीलम सुखाड़िया आदि अतिथियों का अभिनन्दन करते हुये सुरेश गुंदेचा ने सभी का स्वागत किया और कहा कि आज जो कुछ भी हूँ गुरूदेव के आर्शीवाद से सेवाकर पा रहा हू।  बुधवार को देवेन्द्र धाम से सभी संत विहारकर जैन स्थानक अहिंसापुरी फतहपुरा पहुंचेगे वहां नौ बजे धर्मसभा को सम्बोधित करेगें।