सातवीं के छात्र कुशल खेमानी की पहल से राजस्थान समेत सात राज्यों में लोगों को कोविड-19 से मुकाबला करने में मिली मदद
कुशल ने माइंड कोच काउंसलर की मदद से 4 इमोशनल वैलबीइंग सैशन आयोजित किए जिनसे 90 से अधिक लोगों को मदद मिली
यूरोस्कूल के कक्षा 7 के छात्र कुशल खेमानी लक्ष्य देश के 29 राज्यों में इस तरह के कैंप आयोजन करने का है
उदयपुर/अजमेर। पुणे के यूरोस्कूल के सातवीं कक्षा के छात्र कुशल खेमानी ने कुशल ने अपने प्रयासों से चार गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर और माय गेट ऐप्लीकेशन के जरिए पूरे भारत में हैल्थ चैकअप कैम्प हेतु रजिस्ट्रेशन को सुगम बनाया। ’’पैनडेमिक हैल्थ’’ के बैनर तले बहुत ही कम दरों पर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई। कुशल कोविड प्रभावित क्षेत्रों से निरंतर सम्पर्क में रहे हैं और उन्होंने दिल्ली, पुणे, मुम्बई व भोपाल में माइंड कोच काउंसलरों के माध्यम से भावनात्मक स्वास्थ्य हेतु वर्चुअल सत्र आयोजित किए, जिनसे कई लोगों को मदद मिली। उन्होंने परसिस्टेंट फाउंडेशन और जीडी अंकलेसरिया डायलिसिस सेंटर नामक गैर सरकारी संगठनों को आर्थिक मदद भी प्रदान की।
इस आर्थिक मदद का उपयोग रतलाम एवं नागपुर के दूरस्थ इलाकों में ऑक्सीजन कैम्प लगाने व कन्सन्ट्रेटर का इंतजाम करने में किया गया। महामारी के इस दौर में उन्होंने 7 राज्यों में 19 शिविर लगाने में मदद की। ’’पैनडेमिक हैल्थ’’ के तहत उनका लक्ष्य भारत के 29 राज्यों में स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करने का है।
कुशल खेमानी का कहना है, ’’ग्रामीण भारत में ज्यादातर लोगों के पास ऐसी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं जैसी हमारे पास शहरों में हैं। महामारी से मुकाबला करने के लिए मैं जो भी विनम्र प्रयास कर सकता था वह मैंने किया। मेरे परिवार और स्कूल ने इस कार्य के लिए मुझे पूरा सहयोग दिया। मैं आशा करता हूं की यह महामारी शीघ्र समाप्त हो जाएगी और हम सामान्य जीवन में लौट सकेंगे।’’
यूरोस्कूल वकाड़ की प्रिंसिपल रेणुका दत्ता ने कहा, ’’यह देख कर बहुत प्रसन्नता होती है की हमारे विद्यार्थी कक्षा से परे भी सोच पा रहे हैं और जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहे हैं। कुशल ने जिस तरह से व्यक्तिगत स्तर पर यह कदम उठाया है उससे वास्तव में हमारे लिए एक बेंचमार्क स्थापित हुआ है। वह अपनी सुविधाओं के दायरे से बाहर निकला और उच्च स्तर की इमोशनल इंटेलीजेंस दिखाते हुए उसने आउटरीच प्रोग्रामों व कैम्पों आदि का आयोजन व निष्पादन किया। यूरो स्कूल में हम बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं की वे अपनी भीतरी ताकत को पहचानें और अपने विचारों को यथार्थ में बदल सकें। कुशल ने बहुत प्रभावकारी कदम उठाया है और वह अपने सभी सहपाठियों एवं हमारे लिए एक प्रेरणा बन गया है। कुशल से और अन्य विद्यार्थियों से मेरा आग्रह है की बाहर जाते हुए वे पूरी सावधानी बरतते हुए लोगों की मदद जारी रखें।’’
कुशल यूरोस्कूल वकाड़ की कक्षा 7 में पढ़ता है। कोरोना की पहली लहर में कुशल ने प्रि-प्राइमरी शिक्षकों के लिए एक ऑन-कॉल सपोर्ट सिस्टम स्थापित किया था जिससे शिक्षकों को डिजिटल तरीके से पढ़ाने में मदद मिली। वीडियो टेलीफोनी के इस्तेमाल, एमएस ऑफिस व एमएस पावरपॉइंट, ऐनिमेटिड व प्रभावी प्रेज़ेंटेशन के लिए कुशल ने 60 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। कुशल ने मई 2020 के मध्य में ऑल स्पार्क इनफिनिटी नाम से अपना यूट्यूब चैनल भी शुरु किया था। इस चैनल के जरिए वह अपने सहपाठियों के साथ अपना ज्ञान बांटते हैं और वंचित बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने विभिन्न विषयों पर 60 से अधिक वीडियो रिकॉर्ड किए हैं जिनमें वक्तृत्व कला, टालमटोल की आदत दूर करने के तरीके, वर्ड डॉक्यूमेंट तैयार कैसे करें आदि उपयोगी बातें सिखाई गई हैं।
कुशल ने एक किताब भी लिखी है जिसका शीर्षक YOU GOT THIS- 11 Secrets to A Progressive Student Life इस पुस्तक में उन्होंने विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्पद जानकारियां दी हैं इस चुनौतीपूर्ण समय में बदलाव कैसे लाएं और अपने भीतर सकारात्मक सोच कैसे उत्पन्न करें। GOODCLAP के साथ वह सामाजिक उद्यमिता कार्यक्रम में भी शामिल है, जिसके तहत उन्होंने जानवरों को बचाने व खिलाने के लिए SPARKX ऐनिमल वैलफेयर का गठन किया है। कुशल का एक अनूठा विचारपूर्ण एवं सस्टेनेबल ऐन्वायर्नमेंट स्टार्टअप है- 3डीआर नोबल इस्तेमाल किए गए पुराने प्लास्टिक बोतल, बैग, खिलौनों व अन्य रिसाइकल्ड प्लास्टिक से बने फिलामेंट का उपयोग करते हुए कस्टमाइज़्ड 3डी उत्पाद प्रिंट करता है। इस स्टार्टअप से प्राप्त मुनाफे का 50 प्रतिशत SPARKX ऐनिमल वैलफेयर के जरिए जानवरों को बचाने व खिलाने में उपयोग किया जाता है।