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महापंचायत में तय होगा ब्राह्मण समाज के युवाओ का राजनीतिक भविष्य

विप्र सेना प्रमुख तिवारी कल करेंगे विप्र पंचायत को संबोधित 

 
गर्मजोशी से किया तिवारी का स्वागत 

उदयपुर 4 सितंबर 2021 । राजनीति में ब्राह्मण समाज की दुर्दशा का मुख्य कारण समाज के युवाओ का राजनीति में आगे नहीं आना है। जबकि पूर्व में ब्राह्मण समाज का राजनीति में 65% योगदान था जो घटकर अब सिर्फ 12% रह गया है। राजनीति में ब्राह्मण समाज की स्थिति को मजबूत करने के लिए विप्र सेना द्वारा फरवरी 2023 में महापंचायत का आयोजन जयपुर में किया जाएगा, जिसमें लाखों लोग एक मंच पर एक जाजम पर अपने संख्या बल के माध्यम से ब्राह्मण समाज की राजनीतिक दुर्दशा को मजबूत करेंगे। 

उसी तैयारियों को लेकर विप्र सेना द्वारा 36 ही जिलों में विप्र पंचायत की जा रही है। यह बात विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी ने शनिवार को उदयपुर में मीडिया से रूबरू होते हुए कही।

तिवारी ने कहा कि ब्राह्मण समाज के करीब 15,000 पंजीकृत और 8000 अपंजीकृत संगठन है, बावजूद इसके राजनीति में हम काफी पिछड़े हुए हैं,ऐसे में विप्र सेना ने 1 साल में 7 राज्यों में 8 से 9 लाख लोग संगठन में जोड़ कर ब्राह्मण  समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य करते हुए विशेष रूप से  युवाओं को संगठित किया है। 

विप्र सेना जॉन -  ए प्रदेश अध्यक्ष नरेश शर्मा ने बताया कि रविवार को भंडारी दर्शक मंडप में सुबह विप्र पंचायत का आयोजन किया जाएगा। कोरोना प्रोटोकॉल की पालना में चयनित मुख्य पदाधिकारियों ओर कार्यकर्ताओ के साथ ही इस पंचायत में चर्चा होगी। सेना प्रमुख सुनील तिवारी विशेष रूप से अपना ओजस्वी उद्बोधन देंगे। 

गर्मजोशी से किया तिवारी का स्वागत 

जॉन -ए  प्रदेश प्रभारी दिनेश शर्मा ने बताया कि विप्र पंचायत को सम्बोधित करने उदयपुर पहुंचे विप्र सेना प्रमुख सुनील तिवारी आज सड़क माध्यम से उदयपुर पहुंचे जहां कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। भुवाणा, फतहपुरा ओर चेतक सर्कल पर पदाधिकारियों ओर कार्यकर्ताओ ने सुनील तिवारी को मेवाड़ी पाग, उपरना ओर फूल- मालाओं से ढोल- नगाड़ों के साथ स्वागत किया। 

इस दौरान प्रदेश प्रभारी जॉन दिनेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार शर्मा, प्रदेश महामंत्री दुर्गेश शर्मा, लोकसभा अध्यक्ष निर्मल पंडित, जिला प्रभारी राजेश भट्ट, जिला विधानसभा अध्यक्ष आशीष शर्मा, ग्रामीण विधानसभा अध्यक्ष इंद्र लाल मेनारिया, अनुज  दीक्षित, गजेंद्र चौबीसा और सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।