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शिल्पग्राम में ‘‘ट्राइबल कला पर्व’’ प्रारम्भ

चार राज्यों के 38 कलाकार रचेंगे जनजातीय संस्कृति के रंग

 
वर्कशाॅप में वेंकट श्याम से सीखी चित्रकारी

उदयपुर। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर आयोजित ‘‘ट्राइबल कला पर्व’’ शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ। जिसमें राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के 38 कलाकार अपनी कृतियों का सृजन करेंगे।

कार्यशाला का उद्घाटन सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अदिति मेहता तथा केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलित एवं आदिम परंपरानुसार गणपति के चित्र पर कूँची से रंगांकन करके किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अदिति मेहता ने कहा कि भारत की जनजातियों के रोम रोम में कला विद्यमान हैं इसका सजग उदाहरण इनके घर, आंगन और दीवारों पर देखने को मिलता है। किन्तु साथ ही आज इन्हें देखने वालों की भी जरूरत है। ऐसी कार्यशालाओं से इनकी कला को प्रसार मिलेगा तथा इन्हे देखने और सराहने वाले मिलेंगे। 

केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने इस अवसर पर अतिथि तथा प्रतिभागी कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि ट्राइबल आर्ट जमीन और जीवन से जुड़ी है और इसका निर्वहन परिवार में उतरोत्तर पीढ़ी दर पीढ़ी होता है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि कला जीवन का प्रमुख अंग है जो केवल गैलेरी तक सीमित ना हो कर आम जन के मन में बसा है इसे निखारने और उबारने की जरूरत है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि अदिति मेहता द्वारा कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के सृजन पर आधारित केटेलाॅग का विमोचन किया गया। इससे पूर्व केन्द्र के अधिकारियों द्वारा अतिथि कलाकारों का पुष्प कलिका से स्वागत किया गया।

शिल्पग्राम में ही ट्राइबल कला पर्व के साथ-साथ एक तीन दिवसीय ‘‘ट्राइबल आर्ट वर्कशाॅप का आयोजन भी किया गया। इस वर्कशाॅप में भोपाल के वेंकट रमण सिंह श्याम प्रतिभागियों को चित्रकारी के गुर सिखा रहे है। वर्कशाॅप में कई लोगों ने स्कैच बुक में चित्रांकन किया। तीन दिवसीय कार्यशाला में श्री सिंह विशेषकर जनजातीय फीगर्स के सृजन की आधारभूत तकनीक का ज्ञान भी देंगे।

उद्घाटन के पश्चात कैम्प में आये कलाकारों ने एक दूसरे से परिचय लिया अपने सृजन कार्य में जुट गये। देर शाम तक कईयों ने कैनवास पर अपनी संस्कृति के रंग उतारे।