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बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों की उदयपुर यात्रा

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने कहा है कि आयोग अपने इतिहास में पहली बार ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर गठित बाल कल्याण समितियों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए

 

उदयपुर, 05 सितंबर 2019 राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने कहा है कि आयोग अपने इतिहास में पहली बार ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर गठित बाल कल्याण समितियों को सशक्त बनाने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए आगामी दिनों में विविध गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।

पण्ड्या बुधवार को यहां कलेक्ट्रेट सभागार में बाल संरक्षण से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाल अधिकार से संबंधित गतिविधियों को प्रभावी अंजाम देने के लिए जेजे एक्ट के नियमों को भी संशोधन किया जा रहा है और जल्द ही ये नियम भी आ जाएंगे। उन्होंने जिले में बाल संरक्षण गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बाल कल्याण समितियों को अधिकृत किए जाने की भी जानकारी दी।

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बैठक को संबोधित करते हुए आयोग सदस्य डॉ. विजेन्द्र सिंह ने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए समस्त विभागों का समन्वय जरूरी है और इसके लिए सकारात्मक सुझावों को क्रियान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने बाल अधिकारों के संरक्षण के मूल उद्देश्य को ध्यान में रखकर गतिविधियों को क्रियान्वित करने का भी सुझाव दिया।

इस दौरान सदस्य द्वय ने जिले में बाल अधिकार संरक्षण गतिविधियों के बारे में जिला बाल कल्याण समिति सदस्य, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास, श्रम विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से जानकारी ली और इससे संबंधित समस्याओं के बारे में पूछा।

बैठक में एडीएम (सिटी) संजय कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षण लखमनराय, बाल कल्याण समिति सदस्य डॉ. राजकुमारी भार्गव, आईसीडीएस डीडी महावीर खराड़ी, श्रम विभाग के संयुक्त आयुक्त पीपी शर्मा, सीडीईओ शिवजी गौड़, बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक मीना शर्मा, यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिंधु बिनुजीत, सदस्य हरिश पालीवाल आदि ने विचार व्यक्त किए।

गतिविधियों के लिए हर जिले को 1.50 लाख:

बैठक दौरान आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने कहा कि आयोग ने पहल करते हुए हर जिले को बाल संरक्षण गतिविधियों को लिए 1.50 लाख रुपये दिए गए हैं। इस राशि से जिले में बाल मित्र वातावरण की स्थापना, आरटीई प्रचार-प्रसार एवं शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालयों से जोड़ने के लिए गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उदयपुर जिले में भी गतिविधियों के लिए जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी से चर्चा हुई है और इसके तहत जिला स्तर पर आरटीई और बाल संरक्षण पर कार्यशाला, ‘चुप्पी तोड़ों, हमसे कहो’ पर बाल संवाद कार्यक्रम आयोजित होगा। उन्होंने ब्लॉक और विद्यालय स्तर पर भी कार्यक्रम आयोजित करने की जानकारी दी।