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यूआईटी ने तैयार किया पेराफेरी पंचायतों को आबादी जमीन देने का प्रस्ताव

पेराफेरी पंचायत जिला संघर्ष समिति की यूआईटी सचिव से हुई वार्ता

 

 नोटिफिकेशन जारी होने पर पेराफेरी पंचायते देगी पट्टे

नगर विकास प्रन्यास उदयपुर की पैराफेरी क्षेत्र में आने वाली 54 पंचायतों के करीब डेढ़ सौ से ज्यादा गांव में पट्टो की समस्या समाधान के लिए यूआईटी ने सर्वे करवाकर बिलानाम आबादी ओर बिलानाम पर बसी आबादी के आराजी का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। मंगलवार को पेराफेरी जिला पंचायत संघर्ष समिति  ने यूआईटी सचिव से इस मसले पर वार्ता की जिस पर सचिव अरुण हसीजा ने बताया कि प्रपोजल तैयार हो गया है जो बुधवार को सरकार को भेज दिया जाएगा। जहाँ से जल्द नोटिफिकेशन जारी होने की पूरी संभावना है।

संघर्ष समिति के संयोजक देबारी उपसरपंच चन्दन सिंह देवड़ा ने कहा कि 12 सालों से पेराफेरी पंचायतों में पट्टो की समस्या है इसके समाधान के लिए जमीन जल्द पंचायत के नाम होनी चाहिए ताकि बरसो से इंतजार कर रहे गरीब को उसके आशियाने का पट्टा जारी हो सके। संघर्ष समिति जिलाध्यक्ष बड़ी सरपंच मदन पंडित ने कहा कि प्रशासन ओर सरकार की मंशा सकारात्मक है लिए संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक आबादी वाले आराजी पंचायतों को नही दे दी जाती है। 

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई वार्ता में यूआईटी सचिव अरुण हसीजा, डीटीपी ऋतु शर्मा समेत दूसरे अधिकारी मौजूद थे। बैठक में पेराफेरी संघर्ष समिति के मनोहर सिंह, दूल्हे सिंह,मोहन डाँगी, भंवरलाल पुष्करणा, संजय शर्मा,नरेश प्रजापत, शंकर गमेती, भूरी लाल, लोकेश पालीवाल,भुवनेश व्यास, निर्भय सिंह, नारायण लाल,दिनेश डाँगी,गगन गमेती, पूरन लाल, किशनलाल समेत समिति पदादिकारी ओर तमाम सरपंच उपसरपंच मौजूद थे। 

संघर्ष हर मकानधारी को पट्टा दिलाने का 

समिति संयोजक देवड़ा ने कहा कि पेराफेरी पंचायतों में पुरानी बिलानाम आबादी ओर आबादी विस्तार के चलते बिलानाम पर बसी आबादी की भूमि जो यूआईटी के नाम दर्ज है वह जमीन पंचायतों को देने के लिए यह संघर्ष है। इस पर हर मकानधारी को पट्टा जारी होना चाहिए। यूआईटी सचिव ने इस पर साफ कहा कि आबादी जमीन सबसे पहले पंचायत को दी जाएगी और आबादी विस्तार हुआ है उन बिलानाम आराजी की किस्म आबादी करवाकर सभी को राहत दी जाएगी। 

शहरों के संग होंगे शिविर

पैराफेरी पंचायतों में बिलानाम आबादी जमीन पंचायत की बजाय यूआईटी या राज सरकार के नाम होने से पट्टे जारी नही हो पा रहे थे। विरोध के कारण प्रशासन गांवों के संग शिविर का कार्यक्रम संशोधित करना पड़ा। यूआईटी सचिव ने चर्चा में कहा कि पेराफेरी के शिविर प्रशाशन शहरों के संग लगेंगे जिसमे पट्टे देने का अधिकार पंचायतों को रहेंगा। चाहे शिविर की तारीख निकल जाए तो भी विशेष केम्प लगाए जाएंगे।