उर्दू बचाओ आंदोलन यात्रा: चुरु से पैदल उदयपुर पहुंची
आठ मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ पैदल यात्रा
मदरसा संविदा शिक्षकों को तृतीय श्रेणी अध्यापक के समकक्ष पद पर नियमित किया जाए।
उदयपुर में दांडी यात्रा संघर्ष समीति की ओर से प्रेस वार्ता रखी गई। प्रेस वार्ता में शिक्षक शमशेर भालू खां ने बताया कि राजस्थान द्वारा मदरसा पैराटीचर का नियमितिकरण करने और उर्दू विषय के साथ अच्छा रवैया नहीं अपनाया जा रहा है। इन सभी बातों के खिलाफ शिक्षक भालू खां ने चुरु से करीब 1100किमीं पैदल यात्रा निकाली जो कि अभी भी जारी है उन्होनें कहा कि हमारी राजस्थान सरकार से आठ मांगे है और उन्हें पूरा किया जाना चाहिए।
इन सभी मांगो को लेकर भालू खां ने राजस्थान उर्दू बचाओ आंदोलन जारी कर रखा है। भालू खां ने बताया कि आंदोलन की शुरुआत उन्होनें चुरु जिले से 1 नवंबर की गई जिसमें उन्होनें पैदल यात्रा की जो वर्तमान में भी जारी है। जिसमें मुस्लिम समुदाय के सभी लोग शामिल है।
उन्होनें राजस्थान सरकार से कहा कि वह उनकी आठ मांगो को पूरा करे नहीं तो वे पैदल यात्रा जब तक करेंगें जब तक उनकी मांग पुरी नही हो जाती। वहीं वह मुख्यमंत्री आवास जाकर धरना प्रर्दशन करेंगे।
आठ मांगे जिनको लेकर विरोध प्रर्दशन
- मदरसा संविदा शिक्षकों को तृतीय श्रेणी अध्यापक के समकक्ष पद पर नियमित किया जाए।
- सभी राजकीय महाविद्दालयों में अल्पभाषा (उर्दू,पंजाबी,गुजराती,सिंधी) संकाय खोले जाए।
- निदेशालय और समस्त जिलों में गठित अल्पभाषा प्रकोष्ठ को कार्यशील अवस्था में ला कर उसकी जिम्मेदारी तय की जाए।
- राजस्थान की समस्त डाइट में अल्प भाषा के व्यख्यात के पद सृजित किए जाए।
- प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्दालय शिक्षा से वंचित अल्पसंख्यक अनेक क्षेत्रों में नवीन आंगन बाड़ी के साथ विद्दालय को क्रमोनन्त करना और अतिरिक्त संकाय खोलने की कार्यवाही की जाए।
- स्टाफिंग पेर्टन 2016 और स्टाफिंग पैर्टन दिशा-निर्देश 28.05.2019 में परिपत्र शिविरा / शिक्षक-संस्थान/एफ-6 /1319 /04 दिनांक 13.12.2019 के अनुसार संशोधन किया जाए।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 350-अ को लागू करने हेतु गुजरात सीमित का रिपोर्ट लागू करने के लिए मंत्र-मण्डलीय समिती को सिफारिशनुसार निदेशालय माध्यमिक शिक्षा /प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर के परिपत्र शिविरा/ शिक्षक-संस्थापन/एफ-6/1319/04 दिनांक 13.12.2004 को अमल में लाया जाए।