कुल की रस्म के साथ हजरत गंज शहीदा बाबा के 76वें उर्स का समापन
जिक्र हैदर का सुनाएंगे, दाता गंज शहिदा आएंगे...
उदयपुर 11 दिसंबर 2024। शहर की अम्बावगढ़ पहाड़ी पर स्थित दरगाह हजरत गंज शहीदा बाबा के 76वें तीन दिवसीय उर्स का समापन बुधवार सायं बाद नमाज अस्र कुल की रस्म के साथ हुआ।
मोहसिन हैदर ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजरत गंज शहीदा बाबा का उर्स बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसके चलते पिछले तीन दिनों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें कलामे-पाक की तिलावत, कुरआन ख्वानी, महफिले मीलाद, महफिले समां-कव्वाली का आयोजन किया गया।
उर्स के चलते आस्ताना-ए-आलिया पर दरगाह कमेटी के सदर गुलाम मोइनुद्दीन कादरी राजा भाई, जावेद खान, नफीस खान, इरफान खान छन्नू, युसूफ खान, शौकत हुसैन, इंतखाब आलम, साहिल शेख, बिलाल खान, अरबाज खान, मोहम्मद रईस, समदानी, शादाब रजा, हाजी परवेज व उदयपुर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से बाबा को चाहने वाले हिंदू, मुस्लिम व सभी समाज के लोगों ने फुल, माला, इत्र व चादर शरीफ पेश की।
साथ ही मन्नत पूरी होने पर अकीदतमंदों द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया दूध-दलिया का तबर्रूक वितरित किया गया। इंतेजामिया दरगाह कमेटी की ओर से जायरिनों के लिए तीनों दिन सुबह-शाम लंगर का आयोजन किया गया।
दरगाह कमेटी के सदर गुलाम मोइनुद्दीन कादरी राजा भाई ने बताया कि बुधवार दोपहर बाद नमाजे जौहर दरगाह के दस्तारबंद कव्वाल रफीक मस्ताना वारसी व मस्ताना अख़लाक़ सुल्तानी उदयपुरी ने "अब्रे रहमत बरसने लगे है उर्स गंज शाहिदा चल रहा है, आशिकों अपना दामन पसारों सदक़ाए पंजतन मिल रहा है..., जिक्र हैदर का सुनाएंगे दाता गंज शाहिदा आएंगे..., नसीबा खोल दे मेरा मदद कर गंज शाहिदा, कहीं मैं मर ना जाऊ मदद कर गंज शाहिदा... सहित अन्य कलाम पेश किए। वहीं उर्स के मेहमाने खुसुसी कव्वाल जावरा मध्य प्रदेश के युसूफ फारूक साबरी ने हम्द, नात व बुजुर्गाने-दीन की शान में मनकबत सहित कई कलाम पेश कर समाईन की दाद हासिल की। कुल की फातिहा से पहले रंग व सलातो सलाम पढ़ा गया व फातिहा-ख्वानी मौलाना बाबुल हुसैन ने की। जिसमें मुल्क में अमन-चैन, मुल्क की तरक्की के लिए, आपसी भाईचारे के लिए दुआएं की गई।