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वैक्सीन एक लेकिन नियम अलग, को-वैक्सीन में लिखित सहमति अनिवार्य

भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन और कोविशिल्ड को एक साथ मंजूरी मिली है और इनके लक्षण भी एक है, लेकिन लगवाने के लिए नियम अलग होगें

 
एक्सपर्ट की राय है कि कोविन सॉफ्टवेयर में नया प्रावधान किया गया है। इसके तहत कोई लाभार्थी टीका लगवाने के लिए नहीं आता है और उसकी जगह उस सेन्टर पर पंजीकृत लाभार्थी आने पर अब टीका लग सकेगा। चाहे लाभार्थी का सेन्टर पर सूची में नाम उपलब्ध नहीं होने पर भी टीका लगने की सुविधा प्रारंभ कर दी है

सभी जगह वैक्सीनेशन की प्रक्रिया 16 जनवरी से शुरु की गई। एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन  और कोविशिल्ड को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। लेकिन सवाल ये उठता है कि दवा एक ही होने के बाद दोनों वैक्सीन लगवाने के नियम अलग अलग होगें।

यदि आप भारत बायोटेक की कोराना वैक्सीन लगवाना चाहते है तो लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा। जबकि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन और कोविशिल्ड को एक साथ मंजूरी मिली है और इनके लक्षण भी एक है। कोरोना वैक्सीन और कोविशील्ड दोनों की सेल्फ लाइफ 6 माह की होती है। दोनों वैक्सीन 0.5 मिली की होती है। दोना का शेड्यूल 28 दिन का होता है। और कोर्स भी 2 डो़ज का होता है।

वहीं स्टोरेज भी 2 से 8 डिग्री होता है। साथ ही दोनों वैक्सीन को 18 साल से कम उम्र वाले नहीं लगवा सकते है। वहीं इस बात को लेकर एक्सपर्ट की राय है कि कोविन सॉफ्टवेयर में नया प्रावधान किया गया है। इसके तहत कोई लाभार्थी टीका लगवाने के लिए नहीं आता है और उसकी जगह उस सेन्टर पर पंजीकृत लाभार्थी आने पर अब टीका लग सकेगा। चाहे लाभार्थी का सेन्टर पर सूची में नाम उपलब्ध नहीं होने पर भी टीका लगने की सुविधा प्रारंभ कर दी है। यह सुविधा 22 जनवरी से उपलब्ध होगी।