×

राजस्थान में मिलने वाली ‘कॉमन जेजेबेल’ के लिए वागड़ नेचर क्लब आगे आया

राष्ट्रीय तितली चुनने की मुहिम

 
राजस्थान का गौरव बढ़ाएगी ‘इंडियन जेजेबेल’

उदयपुर, 6 अक्टूबर/इन दिनों देशभर में तितलियों को गिनने, समझने व संरक्षण की मुहिम को आमजन तक ले जाने के लिए तितली माह यानी “बिग बटरफ्लाई मंथ“ के साथ ही राष्ट्रीय तितली चुनने की मुहिम भी जारी है। देशभर की सात सर्वश्रेष्ठ तितलियों में से राजस्थान में पाई जाने वाली एकमात्र तितली ‘कामन जेजेबेल’ को राष्ट्रीय तितली घोषित करवाने की दृष्टि से दक्षिण राजस्थान में पक्षियों और पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रहा वागड़ नेचर क्लब आगे आया है और लोगों से अधिकाधिक वोटिंग करने की अपील की है।

देशभर में सितंबर माह से प्रारंभ हुई राष्ट्रीय तितली चुनने की इस मुहिम के तहत भारत में पाई जाने वाली 1300 से अधिक तितलियों में से सात सर्वश्रेष्ठ तितलियों पर वोटिंग कराई जा रही है। इसके तहत  फाइव बार स्वॉर्डटेल, इंडियन जेजेबेल, इंडियन नवाब, कृष्णा पीकॉक, ऑरेंज ऑकलीफ, नॉर्दर्न जंगल क्वीन, यलो गॉर्गन आदि 7 तितलियों को ऑनलाईन वोटिंग में सम्मिलित किया गया है।

इंडियन जेजेबेल इसलिए है सबकी पसंदीदा:

तितलियों पर शोध कर रहे डूंगरपुर के विशेषज्ञ मुकेश पंवार ने बताया कि राजस्थान में पाई जाने वाली तितलियों की लगभग 150 प्रजातियों में से मेवाड़ व वागड़ में 112 प्रजातियों की तितलियां पाई जाती हैं। ‘इंडियन जेजेबेल’ राजस्थान में पाई जाती है और पीले, लाल, सफेद और काले रंगों वाली इस सुंदर तितली के पंखों का विस्तार 66 से 83 एमएम होता है। ये तितली अपना जीवनचक्र डेण्ड्रोफ्थो फाल्काटा (वंडा या बंदा) नामक वनस्पति पर पूरा करती है। ये वनस्पति घने जंगलों के पुराने पेड़ों पर ही ज्यादा पाई जाती है, जैसे सागवान, हर, तेंदू, सारल, गोंदल, पलाश आदि वृक्षों के ऊपर ही परजीवी के रूप में रहती है। यदि इस तितली का चयन राष्ट्रीय तितली के रूप में होता है तो तितलियों के संरक्षण व संवर्धन  की दिशा मे  नैतिक दायित्वों का निर्वहन सहृदयता व रचनात्मकता के साथ कर पाएंगें।

राजस्थान का गौरव बढ़ाएगी ‘इंडियन जेजेबेल’

वागड़ नेचर क्लब के डॉ. कमलेश शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय तितली बनने की दौड़ में शामिल 7 तितलियों में से ‘कॉमन जेजेबेल या इंडियन जेजेबेल’ ही एकमात्र तितली है जो देश के विस्तृत भूभाग के साथ राजस्थान में पाई जाती है। अन्य 6 तितलियां राजस्थान में नहीं पाई जाती हैं। यदि यह तितली राष्ट्रीय तितली बनती है तो वागड़-मेवाड़ के साथ समूचे राजस्थान के लिए गौरव की बात होगी और देशभर के लोगों का ध्यान इस तितली और इसके होस्ट प्लांट के संरक्षण की ओर आकृष्ट होगा।

डॉ. शर्मा ने अधिकाधिक लोगों को 8 अक्टूबर,2020 से पूर्व राष्ट्रीय तितली के चयन के लिए वोटिंग की अपील की है। इसके लिए ओनलाईन लिंक http://tiny.cc/nationalbutterflypoll  पर जाकर अपनी पसंदीदा तितली को वोट करना होगा। अधिकतम वोट प्राप्त करने वाली तितली को राष्ट्रीय तितली चुना जाएगा ।