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जल संरक्षण पर गिट्स में कार्यक्रम का आयोजन

सिविल इन्जिनियरिंग विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन
 

जल है तो कल हैं। हम सभी जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। वर्तमान में जल के महत्व को देखते हुए विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में जल संरक्षण पर सिविल इन्जिनियरिंग विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने बताया कि जल हम सभी के लिए प्रकृति द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार हैं। इसको हमें बहुत सुझबुझ के साथ उपयोग करना होगा। कहने को इस धरा पर तीन चैथाई जल है पीने योग्य जल सिर्फ तीन प्रतिशत ही हैं। इसलिए हम सभी को जल के इस महत्व को समझना होगा तथा सभी लोगों को इसके बारे में जागरूक करना होगा। सिर्फ जल संरक्षित करने से ही काम नही होगा। बल्कि इसको प्रदुशित करने से भी बचाना होगा। 

बढती हुई जनसंख्या के कारण आज तालाब, नदियां व भूमिगत जल भी प्रदुषण के चपेट में आ गये हैं। आज आलम यह हैं कि विश्व के इस चैथे व्यक्ति को स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा हैं। साथ ही हमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग, इक्यूफर रिचार्ज के साथ इरिगेशन मेनेजमेंट तथा ड्रेनेज मेनेजमेंट पर सही दिशा में काम करना होगा। 

सिविल विभागाध्यक्ष डाॅ. मनीष वर्मा के अनुसार इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी को जल संरक्षण तथा जल प्रदुषण के प्रति सचेत करना था। जिससे सभी के मन में जल संरक्षण की भावना उत्पन हो सके। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए जल संरक्षण पर आधारित संस्थान स्तर पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम पुरस्कार इशान व्यास को तथा द्वितीय पुरस्कार दिव्य राज सिंह राठौड को प्राप्त हुआ। 

प्रश्नोत्तरी का संचालन असिस्टेंट प्रो. डेनिस जांगिड द्वारा, धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रो. रजनीकांत सुथार द्वारा तथा संचालन असिस्टेंट प्रो. शैलेजा राणावत द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में एम.बी.ए. निदेशक डाॅ. पी.के. जैन वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरे गीतांजली परिवार ने जल बचाने का संकल्प लिया।