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गिट्स  में “एसेंशियल जॉब स्किल्स रिक्वायर्ड पोस्ट कोविड -19” पर वेबीनार 

गीतांजलि इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में “एसेंशियल जॉब स्किल्स रिक्वायर्ड पोस्ट कोविड -19” पर एक दिवसीय ऑनलाइन एक्सपर्ट वेबिनार का आयोजन किया गया।
 
इस वेबीनार में वर्ष 2017 में वर्ल्ड एच.आर.डी कांग्रेस द्वारा एचआर लीडर के सम्मान से सम्मानित प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनी एलएनटी कस्ट्रक्शन के हेड ह्यूमन रिसोर्सेस श्री बरतनु कुमार दास थे

गीतांजलि इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में “एसेंशियल जॉब स्किल्स रिक्वायर्ड पोस्ट कोविड -19” पर एक दिवसीय ऑनलाइन एक्सपर्ट वेबिनार का आयोजन किया गया।

संस्थान के निदेशक डॉ विकास मिश्र ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस कोविड-19 के लॉक डाउन के दौरान सामाजिक एवं वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ा परिवर्तन आया है। इस परिवर्तन ने लोगों के सोचने का ढंग एवं काम करने का ढंग मैं बदलाव लाने के लिए मजबूर कर दिया है। बदलाव के इस आंधी में जो अपने स्कूल को अपग्रेड नहीं करेगा वह जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चल सकता है। लॉक डाउन के बाद किस तरह के जॉब की आवश्यकता होगी और लोग अपने आप को किस तरह से अपग्रेड करें इन्हीं सब बातों पर प्रकाश डालने के लिए इस वेबिनार का आयोजन किया गया। 

इस वेबीनार में वर्ष 2017 में वर्ल्ड एच.आर.डी कांग्रेस द्वारा एचआर लीडर के सम्मान से सम्मानित प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनी एलएनटी कस्ट्रक्शन के हेड ह्यूमन रिसोर्सेस श्री बरतनु कुमार दास थे। श्री दास ने कहा कि मौजूदा हालत को देखते हुए हमें आईटी स्किल  को बढ़ाना होगा तथा चीजों को ज्यादा स्मार्ट तरीके से करना होगा लॉक डाउन में 80 से   90% आईटी प्रोफेशनल एवं शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।और ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ आईटी प्रोफेशनल ही वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं दूसरे सेक्टर से जुड़े लोग भी ऑनलाइन काम कर रहे हैं लेकिन उनकी संख्या सीमित है। 

उन्होंने कहा कि हमें पानी की तरह होना चाहिए जैसा समय की मांग हो उसके अनुरूप ढल जाना चाहिए क्योंकि बदलाव ही समय की नियति है। समय प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि बहुत ही कम लोग हैं जो अपने समय का उनके साथ सदुपयोग करते हैं।आज के समय के मांग के अनुसार जो क्रिएटिव होगा, समय का सही प्रबंधन करेगा और जो असर को देखते ही लपक लेगा वही सफल होगा । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समान काम के लिए जापान में मैन टू मशीन रेशियो भारत की अपेक्षा 60 से 70% तक कम है इसलिए हमें स्मार्ट बन कर कार्य को स्मार्टली करना होगा।

कार्यक्रम के संयोजक अरविंद सिंह पेमावत ने अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अतिथियों ने अपना अमूल्य समय निकाल कर यूथ को एक सही दिशा दी है साथ ही बताया कि इस ऑनलाइन कार्यक्रम में 180 से ज्यादा लोग मौजूद थे।  इस वेबीनार के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वित्त नियंत्रक बी एल जांगिड़ सहित सभी विभागों विभागों के विभागाध्यक्ष व संपूर्ण गीतांजलि परिवार ने कार्यक्रम का लाभ उठाया ।