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कृषि तकनीक पर कार्यशाला कल

कृषि तकनीकी पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना के दवारा कल कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इस 29 वीं कार्यशाला को लेकर आज सुखाड़िया विश्वविद्यालय की पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी कॉलेज में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

 

कृषि तकनीकी पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसन्धान परियोजना के दवारा कल कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इस 29 वीं कार्यशाला को लेकर आज सुखाड़िया विश्वविद्यालय की पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी कॉलेज में एक  प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।

इस 4 दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन महाराणा प्रताप कृषि एंव प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज प्रोद्योगिक एंव अभियांत्रिकी महाविद्यालय में किया जायेगा।

परियोजना समन्वयक डॉ एस.के. नन्दा ने बताया कि, कार्यशाला में 8 तकनीकी सत्र होगे, जिसमे ओद्योगिक फसलो, खाद्यानो पशुधन उत्पादों, गुड, के प्रसंस्करण एंव मुल्य संवर्धन पर देश भर में हो रहे अनुसन्धानो का द्विवार्शिकी प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा और अगले दो वर्षो में किये जाने वाले शोध विषयो पर गहन मंथन किया जायेगा।

डॉ नंदा ने बताया कि पिछले पांच दशको में खाद उत्पादन 51 मिलियन टन से पांच गुना लगभग 259 मिलियन टन हो गया है जबकि इसी अवधि में जनसंख्या वृद्धी 35 करोड़ से चार गुना 120 करोड़ हो गई है। वर्तमान  में 10-15 फीसदी फल,सब्जियो का व 8-10 फीसदी अनाज उत्पाद ख़राब हो रहे है जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 50000 करोड़ रु सालाना है।

खाद्या प्रसंस्करण एंव संवर्धन द्वारा न केवल यह नुकसान बचाया जा सकता है बल्कि ग्रामीण सम्रद्धि के नए आयाम भी अर्जित किये जा सकते है। इस कार्यशाला में देश भर के लगभग 100 वैज्ञानिक भाग लेंगे और देश भर में 37 केद्रो पर संचालित है।