असाध्य रोगों में अचूक औषधि बन रहा है योग - श्रीवर्द्धन
उदयपुर 11 जून 2022 । भारत के ऋषि-मुनियों ने दुनिया को योग दिया। कालांतर में भारत अपने इस अचूक ज्ञान को भूल बैठा और इसे सिर्फ पुस्तकीय चर्चा का विषय बना लिया गया। जबकि, सत्यता यह है कि योग में असाध्य बीमारियों को जड़ से नष्ट करने की शक्ति है, यदि विशेषज्ञ योग प्रशिक्षक के सान्निध्य में योग किया जाए।
यह बात योग शिक्षक श्रीवर्द्धन ने शनिवार को यहां विश्व संवाद केन्द्र पर आयोजित प्रेसवार्ता में कही। आने वाली 21 जून को मनाए जाने वाले योग दिवस के उपलक्ष्य में भारतीय संस्कृति अभ्युत्थान न्यास की ओर से 14 जून से शुरू हो रहे सात दिवसीय योग शिविर की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस शिविर में न केवल नियमित किए जाने योग्य योगासनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, अपितु विभिन्न बीमारियों में उपचार के लिए योग मुद्रा चिकित्सा, योग चिकित्सा भी की जाएगी। इसके अंतर्गत अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग योग व मुद्रा की जानकारी देकर घर पर नियमित अभ्यास के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही सूक्ष्म योग व योग निद्रा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
श्रीवर्द्धन ने बताया कि हृदय रोग, ब्लॉकेज, मधुमेह, माहवारी, थायराइड, अस्थमा, स्पोंडलाइटिस, स्लिप डिस्क आदि में भी योग व मुद्रा योग कारगर साबित हो रहे हैं। इन रोगों से पीड़ित कई लोगों ने योग से लाभ प्राप्त किया है और वे इसे कहते भी हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में तो ऑपरेशन की आवश्यकता भी समाप्त हुई है। उन्होंने तनाव और अवसाद में योग निद्रा को महत्वपूर्ण बताया।
न्यास के अध्यक्ष हेमेन्द्र श्रीमाली ने बताया कि 14 जून से सेक्टर-4 स्थित विद्या निकेतन स्कूल में होने वाले इस योग शिविर में सुबह 6 से 7.30 तक योग प्रशिक्षण, 8.30 से 10.30 तक मुद्रा व योग द्वारा चिकित्सा का सत्र होगा। सायंकाल 6.30 से रात 8 बजे तक सूक्ष्म योग व योग निद्रा का अभ्यास कराया जाएगा। शिविर का समापन 21 जून को प्रातः 10 बजे होगा।
न्यास के सचिव पंकज पालीवाल ने बताया कि योग शिविर से पूर्व व शिविर के पश्चात चिकित्सकीय जांच की जाएगी ताकि योग से होने वाले लाभ का पता चल सके। इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों की जांच 14 जून को सुबह 8 से 10 बजे तक की जाएगी। शिविर की विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए तीनों सत्रों का अलग-अलग सहयोग राशि भी निर्धारित की गयी है। इसके तहत योग प्रशिक्षण के लिए 500, मुद्रा व योग चिकित्सा सत्र के लिए 200 व सायं कालीन सत्र के लिए 500 रुपये पूरे सप्ताह के रखे गए हैं। तीनों ही सत्रों में रहने वालों के लिए सहयोग राशि एक हजार रुपये रखी गयी है।
कार्यक्रम संचालन आयोजन समिति के प्रचार प्रमुख नरेश यादव ने किया, अतिथियों का स्वागत भारत भूषण ओझा ने, परिचय एवं धन्यवाद ज्ञापन विश्व संवाद केंद्र के प्रबंध समिति सदस्य विकास छाजेड ने किया।