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युवक की पिटाई कर मार डालने के आरोपियों को 10 साल की सज़ा

छह साल पहले हिरणमगरी में हुई थी घटना

 

उदयपुर। हिरणमगरी थाना क्षेत्र में करीब छह साल पहले मकान पर पत्थर फैंकने और युवक से मारपीट करने व उसके बाद में मौत होने के मामले में विशिष्ठ न्यायालय अजा/अजजा अनिप्र की अदालत ने पांच आरोपियों को विभिन्न धाराओं में 10 साल साधारण कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई।

परिवादी मुकेश कुमार ने हिरणमगरी थाने में 2 मार्च 2016 को रिपोर्ट दी थी कि 28 फरवरी को रात करीब नौ बजे उसके घर के बाहर कुछ लोग आपस में गाली-गलौच कर रहे थे। वह बाहर आया और सभी को वहां से जाने को कहा तो वे उसके साथ झगड़ा करने लगे। इसके करीब आधा घंटे बाद अजय, भूपेश, राजू व दो-तीन युवक वापस आए और उसके मकान पर पत्थर फेंकने लगे।

हथियारों से लैस इन युवकों ने मुकेश, उसके भाई जितेंद्र, पत्नी भागवंती और मां रुकमणी से मारपीट करना शुरू कर दिया। भाई जितेंद्र से गंभीर मारपीट की। इससे वह घायल हो गया। उसकी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। 

पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों भूपेश पुत्र प्रभुलाल लोहार निवासी चणबोर फला काया, पवन पुत्र शंकरलाल निवासी डी ब्लॉक सेक्टर नौ, रिंकू उर्फ बाठिया पुत्र मोहनलाल मीणा निवासी अदकालिया, सुरेश पुत्र खेमाजी गमेती निवासी विजयसिंह पथिक नगर सविना और दिनेश पुत्र मोतीलाल रावत को गिरफ्तार किया और न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। 

मामले की सुनवाई के दौरान विशिष्ठ लोक अभियोजक बंशीलाल गवारिया ने 15 गवाह के बयान कलमबद्ध करवाए और 46 दस्तावेज प्रदर्शित किए। दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के उपरांत विशिष्ठ न्यायाधीश ज्योति के सोनी ने सभी आरोपियों को भादंसं की धारा 304/149 में दस वर्ष का साधारण कारावास एवं दस हजार रुपए जुर्माना, 147 में एक साल कारावास एवं एक हजार रुपए, 148 में एक वर्ष कारावास एवं एक हजार रुपए, 336/149 में तीन माह कारावास एवं दो सौ रुपए, 323/149 में एक वर्ष कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि आरोपी भूपेश लोहार को एससी-एसटी एक्ट में दस साल के कारावास व दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।