ऑटो पर सवार होकर प्रताप गौरव केन्द्र पहुंचे 108 NRI
भारत में ही ऑटो खरीदे और भारत में ही दान कर जाएंगे
उदयपुर, 20 दिसम्बर। ऐसा संभवतः पहली बार ही सुना होगा कि भारत घूमने आए एनआरआई भारत में ऑटो खरीदें, उस पर भारत भ्रमण करें और लौटने से पहले ऑटो को यहीं पर दान कर जाएं। जी हां, यह दृश्य प्रस्तुत हुआ मंगलवार को उदयपुर के प्रताप गौरव केन्द्र ‘राष्ट्रीय तीर्थ’ में जहां एनआरआई 36 ऑटो में सवार होकर पहुंचे। हर ऑटो में तीन एनआरआई सवार थे। गौर करने वाली बात यह भी रही कि ऑटो चला भी वे खुद रहे थे।
प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि अपराह्न तीन बजे प्रताप गौरव केन्द्र पहुंचने पर इस दल का राजस्थानी परम्परानुसार स्वागत किया गया। पुष्पवर्षा के साथ स्वागत में बज रहे ढोल-नगाड़ों के साथ नृत्य करती कच्छी घोड़ी के साथ एनआरआई भी झूम उठे। उन्हें तिलक लगाकर मेवाड़ी पगड़ी पहनाई गई। मेवाड़ी पगड़ी के प्रति उनका आकर्षण ऐसा था कि कोई भूल से पीछे छूट गया तो उसने स्वयं आगे बढ़कर पगड़ी पहनाने का आग्रह किया।
सक्सेना ने बताया कि इस दल में विश्व में विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवा के कार्य करने वाले संगठन ‘सेवा इंटरनेशनल’ से जुड़े सदस्य शामिल हैं। ‘सेवा इंटरनेशनल’ के बैनर तले भारत भ्रमण के लिए पहुंचे इस दल ने स्वागत-अभिनंदन व जलपान के बाद कठपुतली प्रदर्शन का लुत्फ उठाया।
उदयपुर के स्थानीय कलाकारों ने भवई नृत्य, कालबेलिया नृत्य, चंवरी नृत्य, मयूर नृत्य आदि की प्रस्तुतियां दीं जिन पर एनआरआई दल झूम उठा। इसके बाद दल ने प्रताप गौरव केन्द्र का भ्रमण करते हुए भारतवर्ष और मेवाड़ के इतिहास को जाना। इसके बाद राजस्थान के अपनी ही तरह के पहले वाटर लेजर शो ‘मेवाड़ की शौर्यगाथा’ ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में दल ने मेवाड़ी पारम्परिक व्यंजन दाल-बाटी का रसास्वादन कर विदा ली।
मंगलवार को पहुंचे टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केन्द्र
दल के साथ आए लंदन के सुमित शर्मा ने बताया कि अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, इंगलैंड और केन्या से आए 108 एनआरआई का यह दल उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश घूमता हुआ अभी राजस्थान में भ्रमण कर रहा है और इसके बाद यह दल गुजरात में प्रवेश करेगा। यह दल मंगलवार को दोपहर तीन बजे उदयपुर के टाइगर हिल स्थित प्रताप गौरव केन्द्र पहुंचा। दल ने 10 दिसम्बर को वाराणसी में गंगा आरती के दर्शन के साथ भारत दर्शन की शुरुआत की। मध्यप्रदेश के चित्रकूट पहुंचकर 36 ऑटो खरीदे गए जो सीएनजी व पेट्रोल दोनों से चलते हैं। सभी सदस्यों के पास इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होने से कोई दिक्कत नहीं हुई और चारों राज्यों में ऑटो लेजाने के लिए आवश्यक प्रशासनिक स्वीकृति भी ली गईं।
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शर्मा ने कहा कि बंद गाड़ी में बैठकर घूमने से ज्यादा आनंद ऑटो में है। जब दल के ऑटो किसी ग्रामीण क्षेत्र से गुजरे तो ग्रामीणों में कौतूहल रहा और दल ने कुछ जगह ग्रामवासियों से बातें भी कीं। उन्होंने बताया कि 108 सदस्यों की तय संख्या में स्थान पाने के लिए 500 जनों ने आवेदन किया था। इस यात्रा के पीछे सेवाकार्यों के लिए सहयोग राशि उपलब्ध कराना है जिसका लक्ष्य 5 करोड़ रुपये रखा गया। शर्मा ने बताया कि ऑटो में बैठने से पहले तक 5 करोड़ एकत्र हो गए तब लक्ष्य को बढ़ाकर 7.5 करोड़ कर दिया गया। सभी सदस्य सेवा के उद्देश्य को लक्ष्य बनाकर अपने-अपने खर्च पर भ्रमण के लिए आए हैं। यात्रा का समापन 23 दिसम्बर को कच्छ के रण में होगा।