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आईसीएसआई द्वारा पहला राष्ट्रीय सततता सम्मेलन और चौथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया

सम्मेलन का उद्देश्य स्थायित्व और सुशासन के क्षेत्र में विचार-विमर्श और कार्यनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना है

 

उदयपुर 26 जुलाई 2025 - इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) द्वारा पहला राष्ट्रीय सततता सम्मेलन 2025 का आयोजन 26-27 जुलाई को उदयपुर, में किया जा रहा है।

इस दो दिवसीय सम्मेलन का विषय है – "स्थायित्व को बढ़ावा देना: एक सक्षम भविष्य की ओर", जो पर्यावरणीय, सामाजिक व कॉरपोरेट गवर्नेंस (ESG) की दिशा में एक ठोस पहल मानी जा रही है।

इस भव्य आयोजन के मुख्य अतिथि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा, और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य प्रो. (डॉ.) गौरव वल्लभ सम्मिलित हुऐ।

सम्मेलन का उद्देश्य स्थायित्व और सुशासन के क्षेत्र में विचार-विमर्श और कार्यनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना है।

धनंजय शुक्ला ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर आईसीएसआई की मजबूत उपस्थिति आईसीएसआई द्वारा चौथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 3 से 5 सितम्बर 2025 के बीच सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया जाएगा। इसका विषय होगा – "नवाचार को अपनाना, सुशासन को सशक्त बनाना"। यह सम्मेलन वैश्विक स्तर पर विचारकों, उद्योग अग्रदूतों और संभावित निवेशकों को जोड़ने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा। साथ ही यह सीखने, नेटवर्किंग और व्यावसायिक विकास का भी महत्वपूर्ण मंच होगा। समाज के लिए विशेष पहलें आईसीएसआई समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

इसके अंतर्गत विशेष रियायतें एवं छात्रवृत्तियाँ निम्नलिखित वर्गों के लिए दी जा रही हैं l

वही भारतीय सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, अग्निवीर, शहीदों के परिवार एवं आश्रितों के लिए CS Executive Programme में प्रवेश हेतु निशुल्क विशेष प्रावधान।

आईसीएसआई: कॉरपोरेट पेशेवरों का स्तंभ इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) की स्थापना संसद द्वारा कंपनी सेक्रेटरी अधिनियम, 1980 के तहत की गई थी। यह संस्थान भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और कंपनी सचिव पेशे के विकास एवं मानकीकरण के लिए उत्तरदायी है। वर्तमान में ICSI के पास 77,000 से अधिक सदस्य और 2.5 लाख से अधिक पंजीकृत छात्र हैं।

संस्थान का उद्देश्य न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि पेशेवर उत्कृष्टता को बढ़ावा देना भी है। यह आयोजन भारत में कॉरपोरेट प्रशासन और सतत विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।