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नाबालिग के बलात्कारी को 20 साल की सज़ा

बलात्कार के कारण गर्भवती हुई पीड़िता को अनचाहे शिशु को देना पड़ा था जन्म

 

आरोपी ने गर्भस्थ शिशु को मारने के लिए ज़हर की गोलियां भी दी थी

उदयपुर की पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग के साथ बलात्कार करने और पीड़िता के गर्भवती होने पर उनका गर्भपात करवाने का प्रयास करने के आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माने भी लगाया है। आरोपी ने इस दौरान पीड़िता को गर्भस्थ शिशु को मारने के लिए जहर की गोलियां देते हुए कई बार पीड़िता को आत्महत्या के लिए भी उकसाया था। इस मामले में कोर्ट ने थाने के मालखाने के इंचार्ज को लापरवाही का दोषी मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए है।

दरअसल, कानोड़ थाना क्षेत्र में करीब ढाई वर्ष पूर्व 17 वर्षीय किशोरी के साथ बलात्कार करने और बाद में गर्भवती करने के मामले में पुलिस ने आरोपी को सजा सुनाई है। कोर्ट ने माना है कि आरोपी ने इस दौरान पीड़िता के पेट में पल रहे गर्भ को गिराने का असफल प्रयास भी किया था। उदयपुर जिले के लसाड़िया क्षेत्र के केलवाड़ा गांव निवासी लालू राम पुत्र नारू मीणा के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर विशिष्ट लोक अभियोजक कुलदीप परिहार ने 19 गवाहों और 32 दस्तावेजों को प्रदर्शित कर अपराध सिद्ध करते हुए यह भी तर्क दिया कि आरोपी को ज्यादा से ज्यादा दंड से दंडित किया जाए। आरोपी को आजीवन कारावास या मृत्यु दंड दिया जाए।

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पीठासीन अधिकारी अश्विनी कुमार यादव ने फैसले में यह भी लिखा कि मालखाना इंचार्ज राजेंद्र सिंह द्वारा अनुसंधान अधिकारी को सुपुर्द किए आर्टिकल्स का माल खाना रजिस्टर में लापरवाही बरती गई है। इंचार्ज राजेंद्र सिंह की यह लापरवाही क्षमा योग्य नहीं है ऐसे में पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर राजेंद्र सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने और परिणाम की रिपोर्ट पेश करने की बात कही गई।

क्या था पूरा मामला

दर्ज मामले के अनुसार पीड़िता ने 18 फरवरी 2019 को उदयपुर जिले के कानोड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई की 2017 की दीपावली की छुट्टियों में अपने घर पर आई थी। वहां पर केलवाड़ा निवासी आरोपी लालूराम भी आया। इसी दौरान आरोपी ने मुंह दबा कर बलात्कार किया। जान से मारने की धमकी देकर लगातार लंबे वक्त तक शारीरिक शोषण किया। इस दौरान 22 नवंबर 2018 को पीड़िता के गर्भवती होने पर आरोपी ने उसे मिठाई में जहर की गोलियां भी खिलाई। इस दौरान पीड़िता ने आरोपी के ब्लैकमेल करने से परेशान होकर आत्महत्या का प्रयास भी किया। इसी दौरान एक रिश्तेदार ने सारा घटनाक्रम जानने के बाद उसे समझाया और कानूनी मदद करवाई। पीड़िता ने 31 जनवरी 2019 को 7 माह का अल्पविकसित बालक को जन्म दिया था।