272 भूखंड विवाद- नहीं थम रहा बवाल
मीडिया को मीटिंग से बाहर रखने पर कांग्रेसी पार्षद अजय पोरवाल ने बैठक का किया बहिष्कार
नगर निगम ने 32 प्लॉट्स पर मानी थी गड़बड़ी, उसकी बाद पोरवाल ने 64 नए प्लॉट्स में गड़बड़ी का किया था दावा
उदयपुर 15 मार्च 2022 । उदयपुर नगर निगम के चर्चित 272 भूखंडो पर हुए विवाद में आज कांग्रेसी सहव्रत पार्षद अजय पोरवाल ने मीडिया को मीटिंग से बाहर रखने का विरोध करते हुए मीटिंग का बहिष्कार कर दिया।
इधर जाँच समिति के अध्यक्ष और नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी ने मीटिंग के बाद मीडिया को बताया की समिति ने जांच पूरी कर ली है। जांच में जो भी गलतियां सामने आई है, उसके लिए ज़िम्मेदार लोगो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगो ने फ़र्ज़ी लीज़ डीड जमा करवाई है उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
कांग्रेसी पार्षद अजय पोरवाल ने आरोप लगाया की उपमहापौर की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने जिन 32 भूखंडो में गड़बड़ी मानी थी। उसमे 4 लिपिकों को नोटिस के देकर और कुछ भू-कारोबारियों पर मुकदमा दर्ज करवाकर इतिश्री कर ली जबकि करोड़ो के इस महाघोटाले के सबसे बड़े खिलाडी और उसकी गैंग को बचाने का कुत्सित प्रयास किया गया। उन्होंने नगर निगम की ओर से बनाई गई जांच समिति पर जानबूझकर जाँच में शिथिलता बरतने का आरोप लगाया।
कोंग्रेसी पार्षद अजय पोरवाल ने बताया की आज मीडिया के ज़रिये 41 प्लॉट्स में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है जो की लगभग 200 करोड़ के प्लॉट्स है। वह प्लॉटस उनके बताये गए 64 प्लॉटस में शामिल है या नहीं वह नहीं जानते कारण की जिन प्लॉट्स में गड़बड़ी पायी गयी है उनकी सूची निगम सौंपने को तैयार नहीं है।
इससे पूर्व में 9 मार्च को लेकसिटी प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता आयोजित कर 64 नए प्लॉट्स की सूची को सार्वजानिक किया था जिसमे उसी तरह का घोटाले के आरोप लगाए है जैसा की हिरणमगरी क्षेत्र के प्लॉट्स में हुआ था एवं स्वयं उदयपुर नगर निगम ने जांच में संदेहास्पद मान कर लीज़ निरस्त करने के कार्रवाई की थी।
उल्लेखनीय है की पूर्व में फ़रवरी के अंत तक उदयपुर नगर निगम के चर्चित 272 भूखंडो पर हुए विवाद में अभी 30 योजनाओ में से 9 योजनाओ का सर्वे कर उसमे 32 भूखंडो को निगम ने संदेहास्पद मान कर लीज़ निरस्त करने की कार्रवाई की बात कही थी एवं बताया गया था की निगम अब मामले में फ़र्ज़ी कागज़ो से लीड डीड जारी करवाने वाले दलालो के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करवाएगा।
नगर निगम के महापौर जी इस टांक ने गुरुवार (24 फ़रवरी 2022) को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया की संदेह के घेरे में आये 4 लिपिकों के विरुद्ध अनुशासात्मक कार्रवाई की जाएगी। (4 लिपिकों को 16 सी सी का नोटिस दिया गया), लेकिन यह नहीं बताया था की 4 लिपिकों ने किसके इशारे पर घोटालें को अंजाम दिया। ऐसे में कयास लगाया जा सकता है की 272 भूखंडो के घोटालें में रसूखदार और बड़े अफसरों को बचाया जा रहा है।