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अक्षय तृतीया पर 3 बाल विवाह रोके गए 

उदयपुर संभाग में इस माह कुल 47 बाल विवाह विफल

 

उदयपुर 30 अप्रैल 2025। अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसर पर बाल विवाह की आशंका को ध्यान में रखते हुए उदयपुर संभाग में प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं के संयुक्त प्रयासों से इस माह कुल 47 बाल विवाहों को रोका गया। इनमें अकेले उदयपुर जिले में आज 3 बाल विवाहों सहित इस महीने कुल 15 बाल विवाह रोके गए।

यह कार्रवाई भारत सरकार द्वारा संचालित ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत की गई, जिसमें जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एलायंस, ज़िला प्रशासन, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाल अधिकारिता विभाग, गायत्री सेवा संस्थान और चाइल्ड हेल्पलाइन की भूमिका प्रमुख रही।

बाल अधिकार विशेषज्ञ एवं राजस्थान बाल आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि विशेष जागरूकता अभियान के दौरान आमजन ने भी सक्रिय भूमिका निभाई और बाल विवाह की सूचना साझा कर सहयोगी बने। उन्होंने बताया कि उदयपुर में 15, चित्तौड़गढ़ में 15 प्रतापगढ़ में 13 और सलुंबर में 4 बाल विवाह रोके गए। एक मामले में गायत्री सेवा संस्थान द्वारा दर्ज परिवाद पर न्यायालय से निषेधाज्ञा भी जारी की गई।

ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर के सचिव कुलदीप शर्मा ने स्पष्ट किया कि बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि कानूनन अपराध भी है। उन्होंने कहा कि “बाल विवाह करना ही नहीं, बल्कि इसमें किसी भी रूप में सहयोग देना-जैसे पंडित, मौलवी, ढोली या अन्य सेवाएं प्रदान करना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।”

इस विशेष अभियान को 12 मई, पीपल पूर्णिमा तक चलाया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बालक या बालिका बाल विवाह की कुप्रथा का शिकार न हो। 

प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे ऐसे मामलों की सूचना तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें और बालकों का बचपन सुरक्षित रखने में भागीदार बनें।