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एक क्लिक पर 74 स्वास्थ्य सूचकांकों की मिलेगी जानकारी

हर जिले का डेटा और स्थिति का पता लगेगा,अब हेल्थ पालिसी बनाना भी आसान

 

उदयपुर 28 अप्रैल 2025। प्रदेश में टीकाकरण, टीबी, लेप्रोसी, एड्स, संस्थागत प्रसव, डायबिटिज, कैंसर और मोटापा जैसी 74 स्वास्थ्य सूचकांकों की जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी। 

सीएमएचओ डॉ शंकर बामनीया ने बताया कि इसके अलावा पीसीटीएस, आईएचएमएस, ई-उपकरण, ई-औषध, फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स कंट्रोल, यू-विन, इन्वेंट्री और निक्षय पोर्टल्स की न केवल मॉनिटरिंग बल्कि डेटा और मौजूदा स्थिति के बारे में पता होने से हैल्थ की पॉलिसी बनाना आसान होगा। सचिवालय और स्वास्थ्य भवन में बैठे चिकित्सा मंत्री और अधिकारी 41 जिलों की स्थिति के बारे में पता कर सकेंगे। 

राजस्थान सरकार ने चिकित्सा सेवाओं के सुद्दीकरण के लिए एआई आधारित इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम बनाया है। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां पर इस तरह का सिस्टम विकसित किया जा रहा है।

1. फायदा: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 'एआई आधारित इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम' से हर माह हर जिले की स्थिति का न केवल पता, बल्कि डेटा भी देश बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। स्थिति के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा। और जिले के अधिकारियों को ह्वाट्सऐप पर निर्देश दे सकेंगे।

2. ये हैं सूचकांक : एंटी नेटल सेंटर (एएनसी) पर पंजीकृत होने वाली गर्भवती, संस्थागत प्रसव पुरुष व महिला नसबंदी का प्रतिशत, डायरिया से पीड़ित कितने बच्चों को ओआरएस व जिंक दिया, 9 से 11 माह के फुली इम्यूनान बच्चों की संख्या, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड और लक्ष्य प्रमाणित सेंटर, वितरित किए गए आयुष्मान भारत कार्ड की संख्या, एफएसओ की ओर से कानून के तहत लिए गए नमूने, सूची के तहत उपलब्धाओं की संख्य, डस्लाइड कलेक्शन की संख्या, मौसमी से पीड़ित एवं मधुमेह और हाइपरटेंशन मरीजों की संख्या (नोटिफाइड टीबी, लेप्रोसी, एड्स) बीमारियों (मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टाइफस पीड़ित आदि!

3. ⁠निजी अस्पतालों को एचपीआर एवं एचएफआर बनाने के दिए निर्देश-सीएमएचओ डॉ बामनीया ने बताया कि जिला के सभी निजी अस्पतालों में हेल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन एवं हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री शत प्रतिशत करने के लिए पत्र लिखा है ताकि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के उद्देश्य को पूरा किया जा सके!

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन

ए बी डी एम के तहत सक्षम एप्लीकेशन के द्वारा आभा ( आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट)आईडी के माध्यम से प्रत्येक मरीज का रिपोर्ट्स डिजिटलाइजेशन करने के संबंध में समस्त हॉस्पिटल,क्लिनिक,लैब को पत्र के द्वारा निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक मरीज को आभा लिंक रिकॉर्ड पेशेंट जेनेरेट किया जाए।