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"नम्बर प्लेट की जगह सिर्फ पद लिखवाकर घूमना गैर क़ानूनी" - चन्द्रशील ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक, उदयपुर

पुलिस करेगी सख्त कार्यवाही

 

उदयपुर पुलिस इन दिनों यातायात नियमों की पालना को लेकर काफी सख्त रवैया अपनाते हुए नजर आ रही है, जिसके दौरान शहर में कोई भी व्यक्ति अगर यातायात की किसी भी नियाम की अवहेलना करते हुए पाया जा रहा है तो उस पर कार्यवाही की जा रही है एवं उनका चालान किया जा रहा है। लेकिन इतनी सख्ती के बावजूद कुछ लोग ऐसे है जो अपनी गाड़ियों पर आज भी नंबर प्लेट की जगह अपना रसूख दिखाते हुए अपने संगठनों, ओहदों और राजनैतिक या किसी सामाजिक संगठनो द्वारा दिये गए पद को अपनी गाड़ियों पर लिखवा कर घुमते हुए देखे जा सकते है।

ऐसे में इन दिनों पुलिस द्वारा यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए चलाए जा रहे जीरो टोलरेंस अभियान पर कहीं न कहीं एक सवाल खड़ा कर रही है। जनता ऐसे में पूछ रही है की क्या यातायात के नियम सिर्फ शहर की सीधी साधी आम जनता के लिए ही है क्या ये रसूखदारो और ओहदेदारों पर लागु नहीं होते?

"सन 2018 में भारत सरकार के यातायात मंत्रालय (MORTH) द्वारा जारी किये हुए आदेश के अंतर्गत, स्वयं प्रधान मंत्री एवं राष्ट्रपति को भी अपने वाहनों पर व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर लगाना आवश्यक हो गया है"

इस बारे में जब उदयपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर चन्द्रशील ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने कहा की अगर गाड़ियों की नम्बर प्लेट्स पर जहाँ गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर लिखे होने चाहिए वहां नहीं लिखे है और लोगों द्वारा सिर्फ उनके पदों, और संगठनों आदि के नाम लिखे हुए है और वो शहर में घूम रहे है तो ये विधि के खिलाफ है गलत है, ये एक गैर क़ानूनी कृत्य है, ट्रैफिक नियमों का उलंघन है और ऐसी कोई भी गाड़ी पाई जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी और गाड़ी भी ज़ब्त की जाएगी।

ठाकुर ने कहा की साथ ही में नम्बर प्लेट्स पर सही तरह से स्टैण्डर्ड फॉन्ट या साईज में नहीं होना भी गैर क़ानूनी है और इनके भी खिलाफ कार्याही की जाएगी, उन्होंने कहा की ऐसी गाड़ियों के खिलाफ पूर्व में भी कार्यवाहियां की गई है लेकिन अगर फिर भी कोई शिकायत सामने आती है तो विशेष रूप से अभियान चालाकर अगर एसी गाड़ियाँ जिन पर नंबर प्लेट की जगह नेम प्लेट्स आदि लगे हुए होते है तो उनके खिलाफ कार्यवाहियां की जाएंगी।

गौरतलब है की अमूमन मामलों में देखा जाता है की ऐसे अपनी गाड़ियों पर नम्बर प्लेट की जगह सिर्फ अपना नाम (या पद) लगाकर घुमने वाले लोग ज्यादातर किसी राजनैतिक पार्टी या सामाजिक संगठनो से जुड़े हुए होते है।

इसी को लेकर कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष गोपाल कृष्णा शर्मा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा न सिर्फ हमारे देश में बल्कि पुरे विश्व में कोई भी गाड़ी रोड पर आता है तो वो रजिस्ट्रड होता है, ये हमारे देश की परिपाटी है की जब भी कोई नई गाड़ी ली जाती है तो उसको रजिस्टर करवाने के लिए आरटीओ से संपर्क किया जाता है, साथ ही में उसका इंश्योरेंस किया जाता है , उसका एक रजिस्ट्रेशन नम्बर होता है और उसकी एक नम्बर प्लेट होती है जिसको गाड़ी पर लगाना अनिवार्य है।

शर्मा ने कहा की चाहे कोई भी व्यक्ति हो उसको नम्बर प्लेट लगाना अनिवार्य है, अगर कोई व्यक्ति नेम प्लेट लगाना चाहे तो वो कोई गलत नहीं है लेकिन व तब जब वो गाड़ी पर निर्धारित जगह पर नंबर प्लेट लगा रहा है अन्यथा अगर वो नम्बर प्लेट नहीं लगता है तो ये कानून की अवहेलना है। बिना नम्बर प्लेट के गाड़ी चलाना एक अपराध है।

वहीँ पूर्व एम्एलए और कांग्रेस पार्टी के वरिठ नेता त्रिलोक पूर्बिया ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा की गाड़ियों में वीआईपी व्यक्ति द्वारा पद या नाम लिखवाना गलत नहीं बशर्ते की वो गाड़ी पर गाड़ी की नंबर प्लेट भी लगाये, लेकिन अगर वो सिर्फ अपने पद को या रसूख को दर्शाने के लिए नेम प्लेट ही लगता है और बिना नम्बर प्लेट के गाड़ी घुमाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए।

दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश संयोजक आपदा राहत एवं सहयोग विभाग राजस्थान डॉ.जिनेन्द्र शास्त्री ने मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की देश के अंदर दो संगठन है, कई बार देखने को मिलता है पार्टी विशेष के पदाधिकारी, कार्यकर्ता गाड़ियों पर इस तरह की पट्टियां लगाकर घूमते है, ये एक बहुत दुखद विषय है क्यों की इसका सबसे बड़ा नुक्सान ये है की अगर उस गाड़ी ने कोई दुर्घटना कर दी या वो खुद दुर्घटनाग्रस्त हो गई तो नंबर नहीं होने की वजह से ये नहीं पता लगाया जा सकेगा की घटना किसने की या किसके साथ घटना घटी।

शास्त्री ने कहा की पद तो व्यक्ति का आता जाता रहता है वो स्थाई नहीं है, लेकिन जो नम्बर उसकी गाड़ी के लिए एक बार जारी किया जाता है वो हमेशा स्थाई रहता है। उन्होंने अपील करते हुए कहा की ऐसे लगो जो गाड़ियों पर सिर्फ पट्टियां लगाकर घूमते है, वो तुरंत ये पट्टियां अपनी गाड़ियों से हटाएँ क्यों की किसी को भी कोई पद जनता की सेवा करने के लिए मिलता है, ना की उसका मेवा खाने के लिए। उन्होंने सवाल करते हुए कहा की ऐसे लोग पट्टियां लगाकर आखिर क्या साबित करना चाहते है? अगर पट्टियां लगाना भी चाहे तो नम्बर प्लेट के उपर गाड़ी पर बहुत जगह होती है वहां लगा सकते है।

शास्त्री ने कुछ विशेष राजनेतिक पार्टी के लोगों द्वारा पदों की पट्टियां लगाकर लोगों के बीच खौफ पैदा करने जैसी भी बात कही, उन्होंने कहा की एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री की सोच तो ये है की वो मंत्रियों की गाड़ियों पर लगी लाल बत्तियां भी हटा रहें है तो वही शहर के कुछ कांग्रेस के साथी या पार्टी के बड़े पदाधिकारी नंबर प्लेट की जगह नेम प्लेट लगाकर लोगों के बिच खौफ पैदा करना चाहते है।

उन्होंने ने ज़िला पुलिस अधीक्षक से ऐसे लोगो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की भी अपील की। उन्होंने कहा की राजनीती लोगों की सेवा करने का एक बहुत बड़ा माध्यम है और जो लोग राजनेताओं को घृणा की नजर से देखते है उसका कारण ऐसे लोग हैं।