×

अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही से आक्रोशित कच्ची बस्ती वासियो ने किया प्रदर्शन 

कांग्रेस के नेता विवेक कटारा के नेतृत्व में अपनी मांगो को लेकर ज्ञापन भी सौंपा

 

उदयपुर 27 सितंबर 2022 । शहर के सिटी रेलवे स्टेशन के ठीक सामने कच्ची बनी बस्ती पर हुई नगर निगम उदयपुर द्वारा हुई अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही से आक्रोशित बस्ती वासियों ने मंगलवार को एक भव्य रैली निकाल कर नगर निगम के खिलाफ उदयपुर कलेक्ट्री के बहार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बड़ी मात्रा में एकत्रित हो कर रेलवे स्टेशन से कलेक्ट्री पहुंचे थे। 

प्रदर्शनकारियों ने निगम के खिलाफ नारेबजी की, नगर निगम हाय हाय के नारे भी लगाए और कांग्रेस के नेता विवेक कटारा के नेतृत्व में अपनी मांगो को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। 

इस मोके पर कटारा ने मीडिया से बात करते हुए कहा की 4 दिन पूर्व नगर निगम द्वारा सिटी रेलवे स्टेशन के सामने बनी बस्ती पर अतिक्रमण की कार्यवाही हुई, लेकिन उससे पहले बस्ती वालों के साथ अधिकारीयों ने बात की जिसमे ये तय हुआ था की सड़क के बीच से सिर्फ 10 से 15 फीट तक के अतिक्रमण को ही हटाया जाएगा, लेकिन असल में 35 फीट तक तोड़ फोड़ कर दी गई, कुछ लोग जो जरुररतमंद थे उनके घर तोड़ दिए, बिजली की लाइनें हटा दी गई, पीने के पानी की लाइन काट दी गई। 

ऐसे में इन लोगो की मांग ये है की जो लोग बाहर से आकर बस गए है उनको हटाया जाए और जो लोग लंबे समय से वहां पर रह रहे है उसके लिए इन्तेजाम किया जाए। दिवार बनाकर अंदर ही उनका पुनर्वास किया जाए। 

कटारा ने बीजेपी की सरकार को मजदुर विरोधी और गरीब विरोधी बताते हुए कहा की जहां इतने रसूखदारों की होटले झीलों के किनारे बनी हुई है उनपर तो कोई कार्यवाही होती नहीं है फिर इन गरीबों पर जो बुलडोजर चलाया जा रहा है उसे रोका जाए। इनको पुनः बसाया जाए और जो हुआ है वो निंदनीय है। 

बस्ती वालों का ये भी कहना है की 2022 का इनके पास राजस्थान हाई कोर्ट का स्टे आर्डर भी ही है, इस के चलते ये कोर्ट आर्डर की भी अवहेलना है जिस पर निगम आयुक्त को भी इस बात को संज्ञान में लेकर गरीबों का जो भी री सेटलमेंट करना का प्रयास किया जाना चाहिए।  

ज्ञापन के माध्यम से बस्ती वासियों ने अधिकरियों को अवगत कराया है की ना सिर्फ पानी और बिजली की लाइन काटने से उन्हें रहने में परेशानी हो रही है बल्कि उनके बच्चों की परीक्षा भी चल रही है और ऐसे विपरीत हालातों में उन्हें शिक्षा से भी वंचित रहना पड़ रहा है। बस्ती वालों ने अपने ज्ञापन के माध्यम से यह भी आरोप लगाया की जो लोग जनप्रतिनिधियों के नजदीक है, और बड़ा-बड़ा कारोबार करते है उनके निवास को हाथ तक नहीं लगाया गया जब की वो लोग बाहर से आकर यहां बसे हुए है।