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बाल अधिकारों के प्रति लापरवाह अधिकारियों पर हो कार्रवाई-कलक्टर

बाल अधिकारों के संरक्षण पर हुई चर्चा, कलक्टर ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश

 

उदयपुर, 27 अक्टूबर। जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने गुरुवार को बाल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य राजीव मेघवाल, पुलिस उपाधीक्षक चेतना भाटी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता उपनिदेशक मांधाता सिंह राणावत विभाग एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कविया, बाल अधिकारिता सहायक निदेशक मीना शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी राजकुमार जीनगर, डॉ.शिल्पा मेहता, जिग्नेश दवे सीडब्ल्यूसी सहित अध्यक्ष, सदस्य, बाल गृहों के प्रभारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
 

बैठक में जिला कलेक्टर ने विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बाल गृहों में बच्चों की नियमित जांच की जाए। इसके साथ उन्होंने गुमशुदा बच्चों, बाल श्रमिकों आदि के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। बैठक में पोक्सो संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बाल गृहों में बच्चों के प्रवेश के संबंध में कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को प्रवेश देने में देरी नहीं की जाए एवं बाल गृह सरकार द्वारा तय नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि अगर कोई चाइल्ड होम नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
 

जिला कलेक्टर ने क्राइम मीटिंग में सीडब्ल्यूसी को शामिल करने के निर्देश दिए। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि बाल अधिकारों के प्रति लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। बैठक में चाइल्ड होम के प्रभारियों ने समय पर अनुदान नहीं मिलने की समस्या उठाई तो इस पर जिला कलेक्टर ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बच्चों के प्रति बहुत संवेदनशील है एवं अवश्य ही उन्हें इस समस्या से अवगत कराएंगे। इस अवसर पर बाल संरक्षण से संबंधी प्रचार सामग्री का विमोचन भी किया गया। जिला कलेक्टर ने कहा कि बाल गृहों को समय पर अनुदान मिलना बहुत आवश्यक है जिससे कि इन संस्थाओं को चलाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहन मिल सके एवं निरंतर बाल अधिकारों का संरक्षण हो सके।