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अब चिरंजीवी योजना में पॉलिसी एक्टिव नहीं होने पर भी मिल सकेगा योजना का लाभ

राज्य सरकार ने ज़िला कलेक्टरों को किया गया अधिकृत

 

उदयपुर, 1 अप्रैल प्रदेश के आमजन को सरकारी एवम् निजी अस्पतालों में निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने वाली राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा अब और बढ़ा दिया गया है।  पहले जहा इस योजना का लाभ उठाने के लिए पॉलिसी के एक्टिव होने की अनिवार्यता थी वही अब आपात स्थिति में पॉलिसी एक्टिव नही होने की स्थिति में योजना का लाभ देने हेतु जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा के दौरान इस योजना के संबंध में यह घोषणा की गई थी की कोई भी असहाय अथवा निराश्रित परिवार इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए यह सुनिश्चित करने की दृष्टि से जिला कलेक्टरों को अधिकृत किया जाएगा जो की ऐसे मरीज जिनकी चिरंजीवी पॉलिसी एक्टिव न होने पर भी उनका निशुल्क उपचार करने के लिए संबंधित चिकित्सालय को निर्देशित कर सकेंगे। नई प्रक्रिया लागू होने से जरूरतमंद लोगों को पॉलिसी के अभाव में योजना के अंतर्गत ना तो इलाज से महरूम होना पड़ेगा और ना ही इलाज के पैसे चुकाने पड़ेंगे।

यह रहेगी प्रक्रिया

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जिन्होंने योजना में पंजीकरण तो करवा लिया परन्तु 3 माह पूर्ण नहीं होने की वजह से पॉलिसी एक्टिव नही हुई है, ऐसे जरूरतमंद मरीजों को योजना अंतर्गत निशुल्क उपचार प्रदान करने के लिए निजी अस्पतालों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से ज़िला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामित अधिकारी की एसएसओ आईडी व सरकारी मेडिकल कॉलेज व उससे संबद्ध अस्पतालों तथा जिला अस्पताल के संबंध में यह आवेदन अस्पताल के अधीक्षक/प्रमुख चिकित्सा अधिकारी/ अथवा प्रभारी अधिकारी की एसएसओ आईडी पर किया जाएगा। उक्त प्राप्त आवेदनों को जिला कलेक्टर अथवा सक्षम अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से पोर्टल पर अप्रूव अथवा निरस्त कर सकेंगे।

अब मिलता है 10 लाख रुपए तक के बीमा कवर का लाभ

1 अप्रैल से इस योजना के अंतर्गत बीमा कवर राशि को भी बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही कॉकलियर इंप्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज को भी इस योजना में शामिल कर लोगो की जेब पर पड़ने वाले भार को कम करने के लिए सरकार द्वारा ये महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।