उदयपुर की झीलों में बेट्री वाली बोट चलाने की तैयारी, ज़िला कलक्टर राज्यों का करेंगे विजिट फिर होगी लागू

बोटिंग संचालकों कहना पेट्रोल से संचालित होने वाली बोट में हवा को सहन करने कों क्षमता, सोलर ऊर्जा से चलने वाली बोट असफल 

 
Fatehsagar CNG Boats Begin CNG Boating in Fatehsagar Lake Udaipur Tourism

लेकसिटी की झीलों में पेट्रोल-डीजल की बजाय सोलर बेट्री वाली बोट चलाने को लेकर जिला प्रशासन तैयारी में जुट चुका है। इसके लिए प्रशासन की टीम देशभर के चुनिंदा स्थलों पर जाकर वहां की स्टडी करेगी। इसके बाद उदयपुर की झीलों में बेट्री वाली बोट चलाने संबंधी निर्णय अमल में लाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने काम शुरू कर दिया ​है। खुद उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा जल्द ही देश के कुछ राज्यों में विजिट कर वहां बेट्री से चलने वाली बोट का जायजा लेने जाएंगे।

ज़िला कलेक्टर मीणा ने बताया कि मैं स्वयं देश के ऐसे कुछ राज्यों विजिट करूंगा, जहां झीलों में बेट्री वाली बोट चलाई जा रही है उसे हम हमारी झीलों में कैसे इम्पलीमेंट कर सकते हैं उसकी संभावनाओं पर काम शुरू कर दिया है। पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए झीलों में बेट्री वाली बोट चलाना जरूरी है। 12 दिन बंद रही थी फतहसागर झील में बोटिंग जानकारी अनुसार हाईकोर्ट ने 6 माह पहले पिछोला और फतहसागर में डीजल-पेट्रोल वाली बोट को 6 माह का समय देते हुए बाहर करने के आदेश दिए थे। यह मियाद 30 सितंबर 2022 को पूरी हो चुकी थी तो अगले दिन यूआईटी ने 1 अक्टूबर 2022 को फतहसागर और पिछोला झील में बोटिंग पर रोक लगा दी थी। पर्यावरण संरक्षण ध्यान में रखते हुए झीलों में पेट्रोल-डीजल के बजाय सोलर बेट्री वाली बोट चलाने की बात कही गई थी। उस वक्त बोटिंग संचालन पूरी तरह बंद होने से टूरिस्ट मायूस लौट रहे थे। फिर 12 दिन बाद वापस बोटिंग का संचालन शुरू की गई लेकिन प्रशासन को बेट्री बोट जल्द से जल्द चलाने के लिए पाबंद किया गया। ऐसे में प्रशासन इस प्रक्रिया में जुट चुका है।  रोज 7 हजार देशी-विदेशी टूरिस्ट करने आते हैं बोटिंग टूरिस्ट सीजन में फतहसागर झील पर रोज करीब 7 हजार देशी-विदेशी टूरिस्ट बोटिंग का आनंद उठाने आते हैं। झील की खूबसूरती को देखने आने वाले ज्यादातर लोग यहां बोटिंग करते हैं। उदयपुर का पर्यटन व्यवसाय भी इसी पर डिपेंड है इससे झील किनारे मुंबईया बाजार, टेम्पो चालक और ऊंट-घोड़ा चलाने वालों का भी व्यवसाय चलता है।

इस पर बाबा रामदेव बोटिंग के प्रिन्स कुमार ने कहा कि वो कोर्ट के आदेशों का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने सोलर ऊर्जा से चलने वाली बोट को असफल बताते हुए कहा कि ना तो सोलर ऊर्जा से स्पीड बोट चलाई जा सकती हैं ना ही वो ज्यादा कंट्रोल में रह पाती हैं, जरा हवा का झोंका आने से भी वो अनियत्रित हो जाया करती हैं। वहीं पेट्रोल से संचालित होने वाली बोट में हवा कों सहन करने कों क्षमता होती हैं, साथ ही स्पीड बोट भी पेट्रोल इंजन से ही संचालित हो सकती हैं एयर आने वाले टूरिस्ट में भी उन्ही कि डिमांड ज्यादा रहती हैं, ऐसे में अगर सोलर ऊर्जा से चलने वाली बोट चलाई जाती हैं तो वो सभी बोट संचालकों के काम कों काफ़ी प्रभावित करेंगी।