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गिट्स में धुमधाम से मनाया गया संविधान दिवस

कार्यक्रम में संस्था के वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड, कार्यक्रम के संयोजक एवं सिविल इन्जिनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष वर्मा सहित सभी गिट्स परिवार सम्मिलित हुए।
 
 

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर (गिट्स) में संविधान दिवस धुमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों एवं फेकल्टी मेंबर्स को संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों व मौलिक कर्त्तव्यों से अवगत कराकर जीवन में उनकी आवश्यकताओं को बताया गया। माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई।

संस्थान निदेशक डॉ. एन.एस. राठौड ने संविधान के बारे में बताते हुए कहा कि संविधान की दो महत्वपूर्ण बाते पहला मौलिक अधिकार हैं जो आपके अधिकारों की एक कवच की तरह रक्षा करता हैं। यह लोगों को नैतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने में मदद करता हैं। दुसरी बात कर्त्तव्य हैं जिसके प्रमुख अवयव वैज्ञानिक स्वभाव, नवाचार तथा प्राकृतिक हमारा संविधान 28 राज्य 08 केन्द्रीय शासित प्रदेश 2117 क्षेत्रिय भाषाओं तथा 4200 जातियों को अपने अन्दर संजोया हुआ हैं, जो इसकी विविधता के साथ-साथ इसकी महानता को प्रदर्शित करते हैं। श्री राठौड ने कहा कि एल.ए.डब्ल्यू का मतलब कि लेण्ड एयर एण्ड वॉटर हैं। जो संसार में हर प्राणी के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

एम.बी.ए. निदेशक डॉ. पी.के. जैन ने कहा कि संविधान बनाने में देश के हर कोने, हर क्षेत्र, हर भाषा, हर धर्म के लोगों की भागीदारी रही हैं। हमारा संविधान पूरे विश्व के 18 देशों के संविधान की अच्छी बातों को सम्माहित करता हैं। साथ ही कहा कि यह नहीं देखना है कि देश हमें क्या दे रहा हैं, बल्कि यह देखना है कि हम देश को क्या दे रहे हैं यही सोच हमें आगे ले जायेगी। कार्यक्रम में संस्था के वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड, कार्यक्रम के संयोजक एवं सिविल इन्जिनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष वर्मा सहित सभी गिट्स परिवार सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों को संस्थान निदेशक डॉ. एन.एस. राठौड द्वारा संविधान की शपथ दिलाकर उसको आत्मसाक्त करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर श्रुति भादवीया द्वारा किया गया।