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देहलीगेट यातायात व्यवस्था पर अंतरिम निषेधाज्ञा से रोक 

परिवर्तन को अविलम्ब हटाया जाए और पुरानी ववस्था फिर लागू की जाए

 

उदयपुर प्रशासन और पुलिस ने शहर के देहलीगेट पर बढ़ते हुए यातायात दबाव का हावाला देते हुए देहलीगेट के बरसों पुराने फव्वारे का आधे से अधिक हिस्सा ध्वस्त कर दिया वहीं दूसरी ओर बने डिवाइडर व मार्गाधिकार को ध्वस्त कर बेरिकेट्स लगाकर चौराहा को नए नियमों के तहत चलाना प्रारंभ किया।

सिविल अदालत ने नए नियम के तहत देहलीगेट पर की जा रही यातायात व्यवस्था पर अंतरिम निषेधाज्ञा से रोक लगा दी हैं और प्रतिवादियों को आदेश दिया है कि बिना नियम की पालना कार्यवाही किए गए परिवर्तन को अविलम्ब हटाया जाए और पुरानी ववस्था फिर लागू की जाए।

एडवोकेट श्रीराम शाकद्वीपी और ओजस शाकद्वीपी ने एडवोकेट ओमप्रकाश, ज्ञानेंद्र सिंह गहलोत एवं सुनील जाटव की ओर से देहलीगेट चौराहा पर बिना विधि प्रक्रिया अपनाए ट्रॉफिक व्यवस्था को रोका गया व डायवर्जन करने के मामले में राजस्थान राज्य जरिए जिला पलिस अधीक्षक, जरिए जिला कलक्टर, नगर निगम जरिए आयुक्त एवं राजस्थान राज्य प्रादेशिक परिवहन अधिकारी के खिलाफ एमवी एक्ट की धारा 115 की पालना नहीं करने के मामले में अंतरिम निषेधाज्ञा व मूलवाद पेश किया जिसमें प्रार्थी अधिवक्ता ने बताया कि बिना गजट नोटिफिकेशन जारी किए देहलीगेट पर यातायात व्यवस्था में परिवर्तन किया गया जबकि यातायात परिवर्तन में गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाना आवश्यक होता है।

इसके मुताबिक जो बेरियरर्स लगाए गए हैं वह इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के खिलाफ है। वर्णित स्थानों पर परिवर्तन नहीं करें और न ही मार्गाधिकारों में अवरोध उत्पन्न करने का अनुतोष चाहा।

अंतरिम निषेधाज्ञा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अनुराग शर्मा तथा इंद्रजीत ने तर्क दिया कि यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए आए दिन हो रही यातायात समस्या के निदान के लिए उक्त व्यवस्था लागू की गई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सिविल न्यायालय-उत्तर के पीठासीन अधिकारी निष्ठा पाण्डे ने अंतरिम निषेधाज्ञा के फैसले में लिखा कि देहलीगेट पर जो वर्षाे पुराने फव्वारें को हटाकर 20 मीटर के रास्तों को परिवर्तित कर 250 मीटर टर्न बनाया जा रहा है जिस रोड का प्रयोग किय जाना है वह भी केवल मात्र 30 फीट चौड़ी है।

पीठासीन अधिकारी ने प्रतिवादियों के खिलाफ तीन निषोधाज्ञा पारित करते हुए आदेश दिया कि विधिक प्रावधानों के अनुरुप विधिक प्रक्रिया पालन करते हुए घोषणा उपरांत ही यातायात नियमों की कार्यवाही करें। जो बिना नियम के पालना की गई उसे अविलम्ब हटाने के आदेश दिए। साथ ही जो बेरिकेट्स लगाए गए हैं उन्हें भी हटाए जाएं।