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गिट्स के विद्यार्थियों बनाई गई सौलर व इलेक्ट्रिक कार का फतहसागर पाल पर प्रदर्शन

इलेक्ट्रिक व सौलर कार विद्यार्थी कविश चपलोत, राहुल, श्रोत्रिय, पानसरे निलेश, दिग्विजय सिंह राव, दिलीप सिंह पुरोहित, आफताब खान और नरपत सिंह राणावत ने बनाई हैं।

 

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर के मैकेनिकल इन्जिनियरिंग के छात्रों ने इस वर्ष इलेक्ट्रिक व सौलर ऊर्जा का उपयोग कर चलने वाली कार बनाई जिसका प्रदर्शन छात्रों एवं शिक्षकों का द्वारा फतहसागर पाल पर किया गया। 

प्रदर्शन में छात्रों ने स्वयं के द्वारा बनाई दोनों कारो को जनता के समक्ष चलाकर अपने हुनर का प्रदर्शन किया। जिसमें से एक कार सौलर व दूसरी इलेक्ट्रिक ऊर्जा पर आधारित थी। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी गिट्स के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई सौलर व इलेक्ट्रिक कार राजस्थान सहित पूरे भारत में नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। 

संस्थान के निदेशक डॉ. विकास मिश्र ने बताया कि जिस तरह से जीवाश्म आधारित ईधन, पेट्रोल की उपलब्धता में दिन-प्रतिदिन कमी आ रही हैं, अब वह दिन दूर नहीं जब इलेक्ट्रिक, सौलर, विंड हाइड्रोजन आदि वैकल्पिक ऊर्जा से चलने वाले वाहनों का ही विकल्प होगा। जन-जन तक इस उपलब्धि को पहुंचाने तथा इस तकनीक से लोगों को अवगत कराने हेतु इन कारों का प्रदर्शन किया गया।

निदेशक आई.क्य.ए.सी. डॉ. सुधाकर जिंदल ने कहा कि इन्जिनियरिंग शिक्षा में विद्यार्थी पेट्रोल, डिजल व उससे जुडी तकनीक के बारे काफी कुछ पढते हैं परन्तु समय की मांग के अनुसार दूसरे ऊर्जा श्रोतों के बारे में हमें जानना होगा जिससे आने वाली पीढी को साफ सुथरा तथा प्रदुषण मुक्त वातावरण दुनिया को दे सके। 

मैकेनिकल इन्जिनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक पालीवाल के अनुसार ये दोनों कारे अपकमिंग टेक्निक्स पर ध्यान देते हुये बनाई गई हैं। इसी के फलस्वरूप इस वर्ष की इलेक्ट्रिक व सौलर कार विद्यार्थी कविश चपलोत, राहुल, श्रोत्रिय, पानसरे निलेश, दिग्विजय सिंह राव, दिलीप सिंह पुरोहित, आफताब खान और नरपत सिंह राणावत ने बनाई हैं। 

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल.जांगिड ने कहा कि मानव होने के नाते मानवता का कुछ धर्म है, और आने वाली पीढी को हम प्रदुषण मुक्त बना सके। इसीलिए हमें इलेक्ट्रिक व हाइड्रोजन आधारित व्हीकल्स को बढावा देना होगा जिससे ध्वनि और वायु प्रदुषण में कमी आ सके।