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हिमाचल के पूर्व सीएम के परिवार की हुई शुक्रवार कों उदयपुर में पेशी

आरोपियों के पेश नहीं होने पर कोर्ट ने मामले में अगली तारीख 4 फरवरी तय की है

 

उदयपुर 13 जनवरी 2023 । हिमाचल प्रदेश के पूर्व  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह सहित उनकी मां, बहन और बहनोई के खिलाफ उदयपुर कोर्ट में बहू की ओर से दर्ज कराए गए मामले में शुक्रवार को पेशी हुई । कोर्ट की ओर से जारी आदेश आरोपियों को तामील किया गया।

इस मामले में आरोपियों के पेश नहीं होने पर कोर्ट ने मामले में अगली तारीख 4 फरवरी तय की है। तो वहीं दूसरे मामला जो कि भरण-पोषण का हैं उसकी पेशी 20 जनवरी को होनी है ।

परिवादिया सुदर्शना चूंडावत निवासी आमेट की हवेली, उदयपुर के वकील भंवरसिंह देवड़ा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के शिमला राजघराने के सदस्य एवं कांग्रेस सरकार में लोकनिर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह, इनकी माता हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभासिंह, बहन अपराजितासिंह, बहनोई अंगदसिंह के खिलाफ उनकी बहू सुदर्शना चूंडावत की ओर से घरेलू हिंसा के मामले में परिवाद दर्ज कराया गया था। इस पर न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ सम्मन जारी किया, जो तामील हो गया।

सभी आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश होना था, लेकिन वे नहीं आए। अदालत में 17 अक्टूबर 2022 को वाद पेश किया गया था। विक्रमादित्य ने सुदर्शना से साल 2019 में विवाह किया था।

विक्रमदित्य कि पत्नी ने लगाया किसी अन्य युवती से संबंध आरोप

परिवादिया चुंडावत ने परिवाद में हिमाचल के पूर्व सीएम के परिवार के सदस्य और उनके पति विक्रमादित्यसिंह पर शिमला के किसी पंडित के कहने पर उसे तलाक देने तथा उसके बाद प्रेमिका से विवाह करने की योजना बनाने का आरोप लगाया था। परिवाद में विक्रमादित्यसिंह के शादी से पूर्व एक युवती के साथ प्रेम संबंध होना बताया। 

चूंडावत ने परिवाद में बताया कि उनका गृहस्थ जीवन अस्त-व्यस्त होने के पीछे सबसे बड़ा कारण पति की प्रेमिका और उससे दूसरा ब्याह करने की मंशा है। आरोपी पति व उसके परिजन अपनी बहू को महज इसलिए प्रताड़ित करते थे कि वह उसके पति की अमरीन नामक युवती से दूसरी शादी कराना चाहते थे।

परिजन व पति कहते थे कि सुदर्शना से शादी तो केवल इसलिए कराई गई कि एक पंडित ने कहा कि अमरीन से पहली शादी करोगे तो अकाल मृत्यु हो सकती है। किसी अन्य से शादी करके उसे तलाक दो, फिर अमरीन से शादी कर लेना। इसी वजह से विक्रमादित्यसिंह ने शादी के बाद उसे अपने जीवन से निकालने के लिए हर तरह से यातनाएं देना शुरू कर दिया था।