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G-20 ऐसे समय, जब दुनिया हमारी तरफ देख रही है - G 20 ऑपरेशन हैड मुक्तेश परेदशी

उदयपुर के बाद जोधपुर व जयपुर में भी इनके अलग-अलग ग्रुप की मीटिंग होगी

 

G-20 देशों के अलग-अलग ग्रुप की भारत में 200 से ज्यादा मीटिंग्स होंगी। दिल्ली में नवंबर 2023 में भारत की अध्यक्षता में G-20 प्राइम मिनिस्टर्स की मीटिंग्स होगी। जिससे पहले देश के हर राज्य में विभिन्न वर्किंग ग्रुप की मीटिंग्स चलेंगी। जिसका मुख्य उद्देश्य देश की नीति के साथ प्रदेश की संस्कृति को भी बढ़ावा देना है। खास बात ये है कि इसका आगाज उदयपुर शहर से हो चुका है। ये बात G-20 ऑपरेशन हैड मुक्तेश परेदशी ने कही। वे मंगलवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि 13 से 16 दिसम्बर को डवेलपमेंट वर्किंग ग्रुप की मीटिंग मुम्बई में और फाइनेंस ग्रुप की बेंगलुरू में 16 से 18 दिसम्बर तक होगी। इसके अलावा राजस्थान ऐसा प्रदेश होगा, जहां तीन बड़े शहरों उदयपुर के बाद जोधपुर व जयपुर में भी इनके अलग-अलग ग्रुप की मीटिंग होगी। G-20 की मेजबानी फिलहाल इमर्जिंग देशों मिल रही है जिसमें इंडोनेशिया के बाद भारत को मिली है।

मेरी वजह से ही उदयपुर में पासपोर्ट सेवा शुरू हुई

G-20 के ऑपरेशन हैड परदेशी ने सुभाष नगर स्थित पासपोर्ट सेवा केन्द्र का विजिट किया। वहां अधिकारी-कर्मचारियों से मुलाकात कर काम का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि उनकी वजह से ही उदयपुर को पासपोर्ट सेवा केन्द्र की सौगात मिली थी। क्योंकि ओरिजिनल स्कीम में जोधपुर, जयपुर व सीकर थे, मेरे प्रयास से उदयपुर को शामिल किया गया था। इसलिए मुझे उदयपुर आने में बड़ी खुशी होती है कि मैं यहां के लोगों के लिए कुछ कर पाया।

G-20 ऐसे समय, जब दुनिया हमारी तरफ देख रही है

न्यूजीलैंड और मेक्सिको में भारत के राजदूत रहे परदेशी ने कहा कि G-20 ऐसे समय हो रहा है जब दुनिया हमारी तरफ देख रही है। वे बोले, कोविड के समय न्यूजीलैंड का हॉस्पिटिलिटी सेक्टर बुरी तरह चरमरा गया था। वैक्सीन के लिए दुनिया हमारी तरफ देख रही थी। न्यूजीलैंड में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग सिस्टम नहीं है राजदूते रहते समय मुझे लोग पूछते थे कि भारत में ये कैसे संभव हो पाता है। ऐसे में G-20 देशों को भारत से बड़ी उम्मीद है।

2047 तक विकसित देश बनना लक्ष्य

परदेशी ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है। हमारी प्राथमिकता विमान लेड डवेलपमेंट, डि​जीटल वर्किंग और मजबूत इकोनॉमी है। वे बोले, राजसी कल्चर को देख यहां आए विदेशी मेहमानों की जैसे आंखों चौंधिया गई। ऐसी मीटिंग्स से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है बल्कि दुनिया तक हमारे कल्चर को पहुंचाने का मौका होता है।