पर्यटन स्थलों पर होगा गवरी नृत्य
लोक कला मण्डल, सहेलियों की बाड़ी एवं फतहसागर पाल पर गवरी नृत्यों की प्रस्तुतियाँ
उदयपुर 29 अगस्त। माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर मेवाड़ का प्रमुख पारम्परिक जनजातीय नृत्य नाटिका “गवरी“ का आयोजन के लिए 5 सितंबर तक आवेदन मांगे गये है।
संस्थान के निदेशक एम.एल.चौहान ने बताया कि संस्थान द्वारा पारम्परिक जनजाति कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं कलाकारों को मंच प्रदान कराने के उद्वेश्य से संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष शहर के प्रमुख स्थलों पर “गवरी“ नृत्यों का मंचन कराया जाता रहा है। पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण यह आयोजन नहीं हो सके थे। इस वर्ष भारतीय लोक कला मण्डल, सहेलियों की बाड़ी एवं फतहसागर पाल पर गवरी नृत्यों की प्रस्तुतियाँ करवाई जाएगी।
संस्थान के उपनिदेशक महेश चन्द्र जोशी ने बताया कि इसके लिए गवरी कलाकार दल “मुखिया“ का चयन किया जायेगा जो गांव से कलाकारों को उदयपुर लाकर “गवरी“ नृत्य नाटिका की प्रस्तुतियाँ करायेगा। संस्थान द्वारा प्रति “गवरी“ सहायता राशि प्रदान की जाएगी।