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हाईकोर्ट ने स्वसंज्ञान लेकर पिछोला झील को किया संरक्षित

फतेहसागर और उदयसागर झील पहले ही राजस्थान झील प्राधिकरण अधिनियम 2015 के तहत संरक्षित है

 

उदयपुर 21 जुलाई 2022 । न सिर्फ लेकसिटी की ओर पर्यटकों को आकर्षित करने वाली बल्कि शहर के करीब सवा लाख लोगो की प्यास बुझाने वाली प्रमुख झील पिछोला झील को हाईकोर्ट ने स्वसंज्ञान लेकर संरक्षित झील घोषित कर दिया। फतेहसागर और उदयसागर झील पहले ही राजस्थान झील (संरक्षण एवं विकास) प्राधिकरण अधिनियम 2015 के तहत संरक्षित है। 

 संरक्षित झील घोषित होने के बाद अब पिछोला झील में सभी गतिविधियां संरक्षण अधिनियम के नियमो के दायरे में होगी। हाईकोर्ट के इस कदम से झील को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त रखना होगा। 

हाईकोर्ट ने झीलों के संरक्षण के मामले स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की थी। बाद में झील संरक्षण समिति की तरफ से दायर याचिका भी इसके साथ जोड़ दी गई थी।  सुनवाई के दौरान कोर्ट से आग्रह किया की स्थानीय प्रशासन को उदयपुर की सभी संरक्षित झीलों में पेट्रोलियम पदार्थो से चलने वाली नावों के उपयोग पर रोक लगाईं जाये। जिस पर कोर्ट ने उक्त नावों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए छह माह का समय दिया था। यह अवधि 30 सितंबर 2022 को पूरी हो जाएगी।   

उल्लेखनीय है लाखो लोगो की पेयजल आपूर्ति करने वाली पिछोला झील के पेटे में 17 वर्ष पूर्व बिछाई गई सीवर लाइन जर्जर अवस्था में पहुँच चुकी है। सीवर लाइन की गंदगी झील के पानी में घुल रही है। उम्मीद है अब झील पेटे से सीवर लाइन बाहर निकाली जाएगी। 

सरकार ने इस सीवर लाइन को बाहर निकालने के लिए स्मार्ट सिटी कम्पनी को अधिकृत किया है। इसके लिए बजट भी मंज़ूर कर दिया है। कम्पनी ने काम भी शुरू कर दिया हालाँकि काम कब पूरा होगा यह तो भविष्य ही बताएगा। वहीँ झील में उन होटलों द्वारा भी नाव संचालित की जा रही है जिन तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध है। यह तथ्य यदा कदा मीडिया में भी सुर्खियां बनता है। लेकिन कभी किसी होटल पर कार्रवाई नहीं हुई है।