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झीलों में बोटिंग के हाईकोर्ट के फैसले का झील प्रेमियों ने किया स्वागत 

बारीघाट पर आयोजित श्रमदान कर झील सफाई 

 

उदयपुर 3 अप्रेल 2022 । राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा झीलों मे चल रही नावो को बैटरी या सोलर उर्जा से चलाने के लिए दिये आदेश का सभी झील प्रेमीयो ने का स्वागत किया है । झील पारिस्थितिकी को बनाये रखने में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा।

झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि न्यायालय का फैसला झील व जल की गुणवत्ता बनाए रखते हुये झील की परिस्थितिक एव प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा की दृष्टि से स्वागत योग्य फैसला है । झीलों पर आने वाले देशी विदेशी पक्षियों के लिए भी यह दूरगामी फैसला है ।

पर्यावरण विशेषज्ञ नंद किशोर शर्मा ने कहा कि सोलर उर्जा से नावो का संचालन होने से डीजल के झीलों में रिसाव व डीज़ल से उठने वाले धुएँ व शोर से जलीय,जीव जंतुओं, मछलियों व पक्षियों की रक्षा के लिए सराहनीय फैसला है । 

युवा पर्यावरणविद् कुशल रावल व सामाजिक कार्यकर्ता द्रुपद सिंह चौहान ने कहा कि सोलर उर्जा व बेट्री से नावो के संचालन से डीजल और पेट्रोल से जो हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा में कमी होगी तथा शहर की पेयजल की झीलों मे गिरने वाले धुएँ के बारीक कण पानी में नही मिलेगे जिससे जलीय शुद्धता बनी रहेगी।  

उत्तराखंड के युवा समाजकर्मी दिगम्बर सिंह ने कहा कि सोलर उर्जा से या चप्पू वाली नावें चलाने से जलीय जीवों को भी स्वतंत्र विचरण एवं बेचैनी से मुक्ति मिलेगी जो झील के हित में है।

जन संवाद से पूर्व बारीघाट पर आयोजित श्रमदान कर झील सतह पर तैरती भारी मात्रा प्लास्टिक की बोतले, सड़ी गली बदबू मारती खाद्य सामग्री की थैलियां तथा अन्य घरेलू कूड़ा कचरा बाहर निकला । श्रमदान में कुशल रावल, द्रुपद सिंह चौहान, दिगम्बर सिंह, नंद किशोर शर्मा एवं तेज शंकर पालीवाल ने भाग लिया।