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उदयपुर के अमराई घाट पर फिर सामने आया अवैध वसूली का मामला

देवस्थान विभाग ने जिस कम्पनी को ठेका दिया वो पर्यटकों से घूमने के लिए 10 रुपए के बजाय 200 रुपए वसूल रही

 
इससे पूर्व भी अमराई घाट पर शुल्क की रसीद में हेराफेरी का मामला सामने चूका है। आगंतुकों को दी जाने वाली टिकट के हिस्से में 10 लोग का जबकि विभाग वाले हिस्से में केवल 2 लोगो को शुल्क दिखाया गया था
 

उदयपुर 27 अप्रैल 2022 । लेकसिटी के नाम से मशहूर उदयपुर देशी विदेशी पर्यटकों में खासी लोकप्रिय है। यहाँ की झीले, झील किनारे बसे मंदिर, घाट पर्यटकों को अपनी ओर बरबस ही आकर्षित करते है। पिछोला किनारे ऐसा ही एक मशहूर घाट है जिन्हे अमराई घाट के नाम से जाना जाता है जहाँ पर्यटकों का खासा प्रवाह रहता है। उसी अमराई घाट पर एक बार फिर पर्यटकों से मनमाने ढंग से प्रवेश शुल्क के नाम से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। टिकट एजेंसी के सुरक्षाकर्मी घाट पर घूमने मात्र के लिए पर्यटकों से 200 रुपए का शुल्क वसूल रहे हैं। पहले भी यहाँ प्रवेश शुल्क के नाम पर पर्यटकों से अवैध वसूली के  मामले सामने आते रहे है। 

पर्यटकों को बनाया जाता है निशाना जबकि पर्यटकों पर टिकी है शहर की आधी से अधिक अर्थव्यवस्था
केवल अमराई घाट पर ही पर्यटकों से प्रवेश शुल्क के नाम मनमानी नहीं हो रही है, बल्कि लेकसिटी में पर्यटकों को ठगने के लिए एक पूरी मशीनरी लगी हुई है। लपको से लेकर हेंडीक्राफ्ट माफिया तक लगे हुए है पर्यटकों को ठगने के लिए। कहीं पर हेरिटेज और हेंडीक्राफ्ट के नाम पर घटिया सामग्री परोसी दी जाती है तो कहीं पर सामान्य चाय को भी अलग अलग नामो से परोस कर 40 से 50 रूपये तक वसूले जाते है। कहने को शहर में पर्यटन थाना ज़रूर है लेकिन पर्यटन थाना स्टाफ की कमी के चलते उतना प्रभावी नहीं जितना होना चाहिए। ऐसे में ज़िम्मेदारो से अपेक्षित है की जिन पर्यटकों के दम पर शहर की आधी से अधिक अर्थव्यवस्था टिकी हुई है, उनकी सुध ले, पर्यटकों से लूट करने वाले माफियाओ और ठेकेदारों पर नकेल कसे।

ताज़ा मामले में सामने आया है की टिकट एजेंसी के सुरक्षाकर्मी घाट पर घूमने मात्र के लिए पर्यटकों से 200 रुपए का शुल्क वसूल रहे हैं जबकि प्रवेश शुल्क महज 10 रुपए प्रति व्यक्ति है। हाल ही में देवस्थान विभाग ने प्रवेश के लिए यहां शुल्क प्रक्रिया लागू की है। जिसके अनुसार देशी पर्यटकों को 10 रुपए और विदेशी पर्यटकों को 50 रुपए का शुल्क चुकाना पड़ता है। वहीं घाट पर वीडियो कैमरा ले जाने के लिए 200 रुपए का शुल्क पर्यटकों से लिया जाता है, साथ ही यदि घाट पर प्री-वेडिंग शूटिंग या अन्य किसी प्रकार के इवेंट शूटिंग के लिए 2 हजार रुपए का शुल्क वसूला जाता है।

इससे पूर्व भी अमराई घाट पर शुल्क की रसीद में हेराफेरी का मामला सामने चूका है। आगंतुकों को दी जाने वाली टिकट के हिस्से में 10 लोग का शुल्क अंकित जबकि विभाग वाले हिस्से में केवल 2 लोगो को शुल्क दिखाया गया था।  अमराई घाट पर टिकटों में हेराफेरी 
दरअसल 8 जनवरी 2022 को अमराई घाट पर पहुंचे 10 लोगो ने प्रवेश लिया जिसका 10 रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से 100 रूपये चुकाए गए। लेकिन उसी नंबर की टिकिट के काउंटर फोलियो (देवस्थान विभाग के) पर 2 लोगो का प्रवेश शुल्क अंकित किया गया। प्रवेश शुल्क के बदले गई रसीद पर अमराई घाट स्थित मांजी के मंदिर के पुजारी के हस्ताक्षर अंकित थे। 

10 रुपए का टिकट सिर्फ मंदिर तक जाने के लिए है। उससे आगे जाने के लिए 200 रुपए चुकाने होंगे

अमराई घाट पर ठेकेदार (जयपुर के प्रोपराइटर प्रदीप जोशी की रेडिएंट टूर्स कम्पनी) की ओर से नियुक्त किए गए सुरक्षा गार्ड, पर्यटकों से मनमाने ढंग से पैसा वसूल रहे हैं। कल मंगलवार सुबह कुछ पर्यटक अमराई घाट घूमने आए, सुरक्षा कर्मियों ने उनसे मोबाइल के लिए 200 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क मांगा। साथ ही यह भी कहा कि 10 रुपए का टिकट सिर्फ मंदिर तक जाने के लिए है। उससे आगे जाने के लिए 200 रुपए चुकाने होंगे। वहीं कैमरा नहीं होने के बावजूद पर्यटकों से सिर्फ मोबाइल के लिए उक्त शुल्क वसूला गया।

अगर कोई गलत पैसा ले रहा तो नियमानुसार कार्रवाई : प्रियंका भट्‌ट

मामले को लेकर देवस्थान विभाग की सहायक आयुक्त प्रियंका भट्‌ट ने बताया इस प्रकार की शिकायत आई है। इसे लेकर हमारे इंस्पेक्टर से जांच भी कराई गई है। जिसकी जाँच रिपोर्ट आनी बाकी है। प्रियंका भट्ट ने साफ़ शब्दों में कहा की टेंडर के नियम और शर्तों में दरें स्पष्ट हैं। अगर इन दरों से ज्यादा या गलत तरीके से कोई भी चार्ज वसूला जाता है तो संवेदक (ठेकेदार) के खिलाफ जांच और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि जयपुर के प्रोपराइटर प्रदीप जोशी की रेडिएंट टूर्स कम्पनी के पास घाट का ठेका है।