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लंबे इंतज़ार के बाद जयसमंद झील छलक उठी

49 वर्ष पूर्व 1974 में भी 23 सितंबर को छलकी थी, 75 वर्षो में केवल 10वीं बार छलकी है 

 

उदयपुर 24 सितंबर 2022 । ज़िले में मानसून का दौर लगभग गुज़र चूका है। लेकिन इस वर्ष मानसून में अच्छी बरसात के चलते संभाग की सभी प्रमुख झीलें, बांध और जलाशय लबालब होकर छलक चुके हैं। अब एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील जयसमंद को छलकने का लंबे समय से इंतजार कल खत्म हो गया । 

कल एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील जयसमंद में अपने पूर्ण भराव क्षमता 27.5 तक पहुंच चूका। इसके बाद ओवरफ्लो पोइंट से पानी की छलकना शुरू हो गया। वर्ष 1947 के बाद झील को दसवीं बार छलकी है। इत्तेफाक है की आज से 49 वर्ष पूर्व 1974 में भी 23 सितंबर के दिन ही जयसमंद झील छलकी थी।

All Image Courtsey-Sanjay Khokhawat

दरअसल परसो जयसमंद के कैचमेंट क्षेत्र में हुई तेज बारिश से इसके जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई थी। जयसमंद की लहरें हवा के साथ पाल पर स्थित हाथी के पैरों से टकरा रही हैं। इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए सैकड़ों क्षेत्रवासी झील की पाल पर जुटे रहे है। इससे पहले जयसमंद दो वर्ष पूर्व छलकी थी। 

जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता निर्मल मेघवाल ने बताया कि जयसमंद झील जयसमंद में अच्छी आवक से किसानों में खुशी का माहौल है। जयसमंद सिंचाई और पेयजल की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण झील है।

मौसम विभाग के अनुसार उदयपुर संभाग में अभी दो दिन तक खंड बारिश होने की संभावना बनी हुई है। वही जयसमंद के अलावा उदयपुर में पिछोला झील 11 फीट में से 10.8 फीट, फतेहसागर 13.2 फीट में 13 फीट, उदयसागर पूर्ण भराव क्षमता पर 24 फीट, देवास प्रथम और मादड़ी 34-34 फीट भरे हुए है। जबकि छोटा मदार 21 फीट और बड़ा मदार 24 फीट क्षमता के साथ लबालब है।