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रोज़ रात 8 बजे हॉस्पिटल में आए रोगियों के परिजनों को खाना देने वाली जॉय ऑफ़ गिविंग-इंडिया (जोगी) संस्था ने पूरा किया एक वर्ष

जोगी का है विश्वास -“देने से खुशियां ज़्यादा बढ़ती हैं”

 

जॉय ऑफ़ गिविंग संस्था की शुरुआत करने के पीछे प्रमुख लक्ष्य उन गरीब लोगों को पौष्टिक आहार देना था जो कि खाने तक के लिए मोहताज़ हैं। संस्था के द्वारा प्रतिदिन 100 से 125 गरीब लोगों को भोजन करवाया जाता है। एक वर्ष पूर्ण होने पर आज ये संस्था 40,000+ गरीब लोगों को खाना खिलाकर पुण्य अर्जित कर चुकी है व निरंतर कार्यरत है। 

सीए रोशन जैन, हेमंत बडाला, संजय कंवरानी, मंजीत यादव ने मिलकर इस संस्था को शुरू किया। जोगी के संस्थापक रोशन जैन का मानना है कि व्यक्ति को जब पौष्टिक आहार मिल जाये तब वह स्वस्थ जीवन जी सकता है, इस सोच को सार्थक किया जॉय ऑफ़ गिविंग ने। 

जॉय ऑफ़ गिविंग संस्था द्वारा आहार वितरण

जॉय ऑफ़ गिविंग संस्था की वैन प्रत्येक रात 8:00 बजे गर्म खाना लेकर एम.बी हॉस्पिटल के मुख्य पोर्च में खड़ी हो जाती है, वहां सुपरवाइजर नितिन सिंधी के नेतृत्व में 100 से 125 लोगों के लिए गर्म खाना परोसा जाता है। हॉस्पिटल में आए रोगियों के परिजनों को जॉय ऑफ गिविंग संस्था की ओर से दिए जा रहे खाने का इंतजार होता है, बारिश हो या तेज गर्मी हो या कैसा भी मौसम हो खाना ज़रुरतमंदों तक पहुंचता है। 

संस्था के सदस्य लोगों को खाना पॉलिथीन में पैक करके नहीं खिलाते हैं। इनकी यह खास बात है कि यह स्टील की थाली लाते हैं और सभी को अनलिमिटेड खाना खिलाने के बाद झूठी थालियां वेन में रखकर ले जाते हैं,  इनकी धुलाई भी अपने किचन में ही करवाते हैं। खाने में रोज़ दाल, चावल, रोटी और सब्जी बहुत प्रेम से परोसी जाती है। 

संस्था की हिदायत

जॉय ऑफ़ गिविंग संस्था की खाना बुक कराने वाले परिवारों को बच्चों को साथ में लाने की विनती भी दी जाती है ताकि बच्चों को एहसास हो सके कि भूख कितनी बड़ी चीज होती है। इससे बच्चों को झूठा नहीं छोड़ने की आदत आ जाती है, उन्हें पता चलता है कि खाने की कितनी बड़ी कीमत है और खाने की महत्ता बताना भी इनका एक मकसद है। ज्यादा से ज्यादा लोग इनके जॉय ऑफ गिविंग को सपोर्ट करें ताकि भूख शांत करने की लड़ाई चलती रहे क्यूंकि देने से खुशियां ज़्यादा बढ़ती हैं।