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टीएडी विभाग में फर्नीचर घोटाले का मामला - लोकायुक्त सचिवालय ने दर्ज किया परिवाद

मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओ ने 25 अगस्त को सांकेतिक धरना प्रदर्शन भी किया था

 

उदयपुर 9 सितंबर 2022 । लोकायुक्त सचिवालय ने टीएडी विभाग में फर्नीचर घोटाले के मामले मे परिवाद दर्ज किया है। सामाजिक कार्यकर्ता युनुस चौपदार की शिकायत पर परिवाद दर्ज हुआ । मार्च 21 मे हूए फर्नीचर टेंडर मे भ्रष्टाचार का आरोप में तत्कालीन आयुक्त जितेंद्र कुमार उपाध्याय, आयुक्त राजेंद्र भट्ट, अति. आयुक्त वृद्धि चंद गर्ग व अन्य 4 के विरुद्ध दर्ज हुआ परिवाद। 

उल्लेखनीय ही की 25 अगस्त 2022 को टीएडी में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने वाले टी.ए.डी आयुक्त स्वास्थ्य परियोजना निदेशक एवं परियोजना प्रबंधक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सत्याग्रह के साथ कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उदयपुर संभागीय आयुक्त ऑफिस के गेट पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था। धरने में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता यूनुस चोपदार ने बताया कि जेम पोर्टल पर उपरोक्त निविदा में 14 निविदाकर्ताओ ने भाग लिया था, परंतु एक विशेष फर्म सुकुमाल ट्रेडर्स के अलावा 13 निविदाताओ को निविदा के शर्तों के अनुसार दस्तावेज नहीं लगाने का कारण बताते हुए डिसक्वालीफाई कर दिया ताकि इकलौती फॉर्म कुमार ट्रेडर्स को टेंडर देकर भ्रष्टाचार का षड्यंत्र सफल बनाया जा सके। 

यूनुस चोपदार ने आरोप लगाया की इसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय में की इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रिपोर्ट मांगी गई तो इसमें आला अधिकारियों द्वारा कार्यालय को गुमराह करते हुए झूठी रिपोर्ट पेश कर दी जबकि सुकुमाल के द्वारा जो करोड़ों की लागत का फर्नीचर सप्लाई किया गया था। 

विभाग द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट किया कि माल घटिया क्वालिटी का है और विभाग द्वारा बेचकर ब्लैक लिस्ट कर दिया गया इसके बावजूद सुकूमाल ट्रेडर्स को जुलाई 2022 में 7 बार टैंडर मिल चुका है। 

युनुस ने बताया की दरअसल मामला जनजाति विभाग के होस्टलों में फ़र्नीचर सप्लाई का है, जिसमे फ़र्नीचर सप्लाई के नाम पर किए गए 10 करोड़ का घोटाला सामने आया.सामने आया की अधिकारीयों ने टेंडर की शर्तों में अधिकतम दर से करीब 69 परसेंट अधिक रेट पर टेंडर एक ऐसी फर्म को मेंयुफेक्चरर बताकर दे दिया जो असल में मेंयुफेक्चरर है ही नहीं और कही और से माल लेकर सप्लाई करती है।