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MB अस्पताल में लापरवाही 4 साल के मासूम को दी गलत दवा 

एम बी अस्पताल के दवा केंद्र द्वारा सांस में तकलीफ की दवा की जगह मिर्गी के मर्ज में काम आने वाली दवा दी गई

 

उदयपुर के एम बी चिकित्सालय के बाल चिकित्सालय में बनी निःशुल्क दवा केंद्र पर लापरवाही का एक मामला सामने आया हैं। दरअसल 4 वर्षीय एक बालक को दवा केंद्र द्वारा एक ऐसी दवा दें दी गई जिसका उस से कोई लेना देना नही हैं। डॉक्टर द्वारा लिखी गई सांस में तकलीफ की दवा की जगह मिर्गी के मर्ज में काम आने वाली दवा दें दी गई।

बालक की माता निखत खान से मिली जानकारी के अनुसार उनके बेटे को बुखार, खांसी, ज़ुखाम की शिकायत होने से सांस लेने में दिक्कत हुई जिसके चलते डॉ. प्रिया को दिखाया गया जिन्होंने दवा लिख दी। 29 जुलाई को सुबह करीब 11 बजे उनके पति उनके बेटे की दवा लेने के लिए बाल चिकित्सालय के निःशुल्क दवा केंद्र पर गए थे, जहां प्रिस्क्रिप्शन देने के बाद दवा केंद्र पर मौजूद फारमासिस्ट ने दवा दे दी, सभी दवा के साथ एक ऐसी सिरप (सोडियम वाल्फोइड ) भी दे दी गई जो दरअसल मिर्गी के मरीज को दी जाती हैं।

खान ने बताया की इस सिरप की एक डोज उन्होने अपने बच्चे को दें भी थी, लेकिन फिर उस पर शंका होने पर दवा का दुसरा डोज नही दिया। परिवार वालों से जानकारी जुटाने पर सामने आया की ये सिरप मिर्गी या दिमागी बीमारी के मरीज को दी जाती हैं। जानकारी मिलने पर घर में अफरा तफरी  का माहौल हों गया। खान ने बताया की डॉक्टर ने सांस में परेशानी को देखकर साल ब्लूटामोल लिखी थी लेकिन फरमासिस्ट ने उसकी जगह सोडियम वाल्फोइड दें दी।

घटना के बारे में जब एमबी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन से बात की गई तो उनका कहना था " हा घटना के बारे में जानकारी मिली थी, हों सकता हैं की दोनों ही बच्चे के माता-पिता और फारमासिस्ट की लापरवाही हों सकती हैं, अगर फारमासिस्ट ने गलत दवा दी थी तो बच्चे के माता-पिता को चाहिए था की केंद्र से निकलने से पहले दवाइयाँ चेक करनी चाहिए। 100 बार में कभी एक बार ऐसी घटना हों जाती हैं, फिर भी मामले ली जांच करवाली जाएगी". बच्चे के माता-पिता की तरफ से हमारे पास कोई शिकायत नही आयी हैं ".