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उदयपुर में बंदरों का आंतक, एक दर्जन से अधिक लोग बंदरों का बन रहे शिकार

ग्रामीणों की प्रशासन से बंदरों को रेस्क्यू कर ले जाने की मांग

 

उदयपुर के बड़गांव तहसील के पालड़ी कटारा गांव में इन दिनों बंदरों ने आतंक किया हुआ है। ग्रामीण सभी बंदरों के आतंक से परेशान है और प्रशासन से बंदरों को रेस्क्यू कर ले जाने की मांग कर रहे हैं।

दरअसल पिछले चार-पांच दिन से कटारा पालड़ी गांव मैं बंदरों के झुंड ने क्षेत्रवासियों पर हमला कर उन्हें घायल करने का सिलसिला जारी है। पिछले चार-पांच दिनों में अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोग इन बंदरों के शिकार बन चुके हैं, किसी के पैर पर तो किसी के पीठ गंभीर चोटों के निशान हैं और यहां तक की उन्हें हॉस्पिटल ले जाकर टांके भी लगवाए गए हैं। इसके चलते पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल है और इलाके में लोग घरों से भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

गांव के रहने वाले तनु कुमार ने बताया कि गुरुवार सुबह वह अपने घर के आंगन में बैठा हुआ था तभी अचानक से कुछ बंदरों ने उस पर हमला कर दिया, एक बंदर ने उसके हाथ पर तो दूसरे ने उसके जांघ पर काट लिया जिससे उसे गंभीर चोट पहुंची और उसे उपचार के लिए एमबी हॉस्पिटल ले जाया गया। वहीं क्षेत्र की रहने वाली 75 वर्षीय भागूभाई का कहना है कि गुरुवार सुबह बंदरों ने उसे भी निशाना बनाते हुए उसके पीठ और हथेली पर काट लिया, घटना उस समय हुई जब भागूभाई अपने मकान के बाहर बनी हुई पट्टी पर बैठी हुई थी। भाई ने बताया कि पिछले कुछ सालों से बंदरों का इस क्षेत्र में आतंक है। पहले तो यह बंदर इनके फसलों और मकानों को नुकसान पहुंचाया करते थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्होंने लोगों को भी अपने खाना बनाना शुरू कर दिया है जो कि अपने आप में एक गंभीर विषय है और इससे पूरे इलाके में खौफ का माहौल है।

गांव के रहने वाले 70 वर्षीय नरपत सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह वह अपने घर से अपने खेतों पर जा रहे थे तभी कुछ बंदरों ने पीछे से उन पर हमला कर दिया और उनके पीठ और कूल्हे काट लिया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई हैं और उनको 10 टांके दिए गए हैं। सिंह ने बताया कि उनके गांव में बंदरों का लंबे समय से आतंक रहता है। चाहे वह खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाना हो, पेड़ों पर लगे आमों को तोड़कर खाजाना हो, या मकानों की छत पर खुद का रूम को नुकसान पहुंचाना हो, क्षेत्र के लोग काफी लंबे समय से इन सभी बातों से जूझ रहे थे तो पिछले कुछ दिनों से इन बंदरों ने अब लोगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। क्षेत्र के लोगों में इस बात से काफी डर है और क्षेत्र में छोटे बच्चे स्कूल जाते हैं ऐसे में इन बंदरों का रेस्क्यू किया जाना बहुत ही जरूरी है। सिंह ने प्रशासन से इस बात की गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इन आतंकी बंदरों का रेस्क्यू कर इन्हें किसी दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट किया जाए ताकि सभी ग्रामीण फिर से चैन की सांस ले पाए। ग्रामीणों का कहना है की फिलहाल उन्होंने अभी तक सरपंच या प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं दी है लेकिन जल्द ही वह इस मामले को प्रशासन और क्षेत्रीय सरपंच के ध्यान में लाने वाले हैं।